" देश कोई मसालेदार पोस्ट नहीं है, कमेंट किया और गुजर गए "

खरी-खरी, मीडिया            Jul 30, 2015


sharad-dwedi शरद द्विवेदी भाई लोगों इस देश में ही नहीं दुनिया में भी एक बड़ी जबर्दस्त परंपरा है गाली देने की..जब यह सिलसिला शुरू होता है तो थमता ही नहीं। सोशल मीडिया के आने में बाद तो इसमें कई गुना इजाफा हुआ है। इस देश में सब खराब। राजनेता खराब, चैनल खराब, डॉक्टर्स बुरे, बिजनैसमैन लुटेरे, सडक़े खराब, साफ सफाई का हाल सबसे बदहाल। ऐसे लोगों से अगर यह पूछ लो, इस सिस्टम को ठीक करने में आपका क्या योगदान है तो सर्विस क्लास ऐंठ कर कहता है हम इनकम टैक्स देते हैं और क्या हमारी जान लोगे? गरीब तबके से पूछो तो वो कहेगा हमारे बस में क्या है साहब। भाई अगर यही हाल रहे न तो हम गांधी और कलाम साहब का ही इंतजार करते रहेंगे बस। पढ़े लिखे संपन्न तबके से जुड़े लोग यह चाहते हैं कि उनके बच्चे आल इंडिया लेवल के बड़े एक्जाम पास करके ऐसी जिंदगी जिएं कि उनके बच्चों का एक पैर इस देश में तो दूसरा विदेश में हो। राजनीति में बच्चे को भेजना नहीं है क्योंकि राजनीति बेहद गंदी है और वहां कोई फ्यूचर भी नहीं है। तो भइय्या कहां से लाओगे राजनीति में साफ सुथरे चेहरे। सारे अच्छे चेहरे तो हम चुन चुन कर आईआईटी और अमेरिका भेज रहे हैं। भाई गाली देना बंद करो। मैं जानता हूं सोशल मीडिया में कोई एडीटिंग नहीं है। यहां लिखने और छापने वाला एक ही आदमी है। यानी जो मन में आया वहीं सामने आया। लेकिन अंतरात्मा की एडीटिंग को डीलिट मत करो। देश और उससे जुड़े मसले संता बंता के लतीफे नहीं है दोस्तों। मस्ती जिंदगी में बहुत जरूरी है। लेकिन देश एक मसालेदार पोस्ट नहीं है जिस पर कोई भी कमेंट किया और गुजर गए। जयहिंद ! शरद द्विवेदी के फेसबुक वॉल से


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