संजय कुमार सिंह।
चुनाव आयोग के सलाहकार केजे राव ने ईवीएम का बचाव करते हुए कहा कि लाल कृष्ण आडवाणी और पंजाब कांग्रेस प्रमुख कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने भी पूर्व में ईवीएम की शिकायत की थी। आडवाणी की पार्टी केंद्र में सत्तारूढ़ है और कैप्टन को इस बार पंजाब में बहुमत मिला है। श्री राव ने जो कहा वह लगभग यही कि अब ये दोनों नेता शिकायत नहीं कर रहे हैं तो क्या इसका मतलब यह लगाया जाए कि वे गड़बड़ी से जीते हैं। श्री राव तो भलमनसाहत में कह रहे थे कि ऐसा हो नहीं सकता। पर आरोप तो यही है।
असल में ईवीएम के खिलाफ आरोप को भाजपा के खिलाफ आरोप मान लिया गया है और यह कहा जा रहा है कि भाजपा को ईवीएम की गड़बड़ी से बहुमत मिलने का आरोप निराधार है। क्योंकि भाजपा हारी भी है। भाजपा के खिलाफ आरोप बसपा का है। और वह एक अलग मुद्दा है। पर ईवीएम से छेड़छाड़ संभव है इसे शिकायत मानकर देखा जाए तो जहां जिसकी चली वह जीत गया या उसने जीतने का इंतजाम कर लिया। कहीं भाजपा जीती कहीं कांग्रेस और गोवा में कुछ छोटी पार्टी के उम्मीदवार जीत गए इससे यह साबित नहीं होता है कि बसपा की शिकायत निराधार है। यह भी तो संभव है कि जहां जिसकी चली वो जीत गया, जीतने का सौदा कर लिया हो? होने को कुछ भी हो सकता है। इससे आरोप निराधार नहीं होता।
जीतने वाले ने पहले आरोप लगाया था कि मशीन से छेड़-छाड़ हो सकती है। सुनवाई नहीं हुई और वह जीत गया। आप इसे संयोग मानिए जीतने वाले की योग्यता मानिए पर हारने वाला कैसे संतुष्ट हो। केजे राव के उदाहरण से तो आरोप में दम लग रहा है। केजे राव ने यह भी कहा कि मशीन खोले बिना टैम्पर नहीं किया जा सकता है और सुरक्षा में रखा जाता है। सुरक्षा के बारे में तो कुछ कहने की जरूरत नहीं है।
कोई भी सुरक्षा अभेद्य नहीं हैं और मशीन खोलकर टैम्पर करना (सील किए जाने से पहले) क्यों नहीं संभव है जब देश में एक धर्म के पक्ष में हवा बनाने की कोशिश की जा रही है उसे संकट में बताकर बहुसंख्यक धर्म के लोगों को एक नेता विशेष और पार्टी का समर्थन करने की उम्मीद की जा रही है। सेकुलर यानी धर्मनिरपेक्ष होना गाली हो गई है और धर्मनिरपेक्ष या सेकुलर को सिकुलर यानी बीमार कहा जा रहा है। अगर धर्म की आंधी ऐसी है तो बड़े पैमाने पर लोग धर्म की रक्षा में मशीन से छेड़छाड़ करें - यह तो संभव है ही। केजे राव ने यह नहीं कहा कि तकनीकी रूप से यह संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि सुरक्षित है। मशीन खोले बिना नहीं हो सकता है। यानी खोलकर किया जा सकता है।
फेसबुक वॉल से।
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