Breaking News

पात्रा का विवाद में आना, प्रेस वार्ता का फेल हो जाना, मीडिया सेंटर को लेकर अखबारबाजी

खरी-खरी            Oct 29, 2018


 राघवेंद्र सिंह।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर मीडिया के मामले में जितना उसे जेबी और गोदी समझा जा रहा था अभी तक वैसा दिख नहीं रहा है। दो दिन पहले राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा का जो हाईवोल्टेज ड्रामा हुआ उसे लेकर दिल्ली में पूछताछ की जा रही है।

हालांकि संबित जी मीडिया के मामले में आक्रामक तेवर लेकर आए थे। लेकिन सड़क पर बेसमय हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर पूरी पार्टी बैकफुट पर जाती दिख रही है। पार्टी के भीतर इसे आंतरिक कलह के सबसे बड़े घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है।

खबर यह भी है कि संबित पात्रा के मामले में दोषी नेताओं को चिन्हित कर लिया गया है। इस बीच संबित दिल्ली पहुंच गए हैं। ऊपर से पार्टी सब शांत दिखाने की कोशिश कर रही है लेकिन अंदर मीडिया को लेकर उथलपुथल है।

इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह और प्रदेश प्रभारी विनय सहस्रबुद्धे का दिल्ली पहुंचना महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

दरअसल संबित पात्रा का विवाद में आना प्रेस कॉन्फ्रेंस का फेल हो जाना, नए मीडिया सेंटर को लेकर अखबारबाजी यह सब राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को नागवार गुजरी है। असल में पार्टी कार्यालय से मीडिया सेंटर को अलग रखना शाह टीम का ही आइडिया बताया जाता है। अन्य राज्यों में भी इसका प्रयोग किया गया था। लेकिन मध्यप्रदेश में यह शुरुआत में ही फ्लॉप हो गया।

इस मामले में भाजपा पदाधिकारी एसएस उप्पल पर चुनाव आयोग ने पहले ही मुकदमा दर्ज कर लिया है। लेकिन अब पार्टी को आशंका है कि आयोग किसी अधिकारी को हटाने का कड़ा फैसला भी ले सकता है।

इस बीच मुख्यमंत्री सचिवालय के एक दिग्गज अफसर के भी अवकाश पर रहने की अफवाहें पंख लगाए उड़ रही हैं। इसके पीछे आयोग की वक्रदृष्टि मानी जा रही है। हालांकि सूत्र इसे निराधार बता रहे हैं। एक बात तो है कि आने वाले दिनों में सरकार के चहेते अफसरों को लेकर कुछ हैरत में डालने वाला हो सकता है।

इस बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के मालवा दौरे से कांग्रेस में उत्साह है और भाजपा इस दौरान हुए हर घटनाक्रम पर बारीक नजर रखे हुए है। कांग्रेस संबित पात्रा के मामले में राहुल गांधी की यात्रा के बाद चुनाव आयोग के सामने कुछ और शिकायत और तथ्य पेश करने की तैयारी कर रही है।

एक और बात है कि कांग्रेस अब अपने हर कदम को लेकर बेहद सतर्क और संजीदा है। क्योंकि वह नहीं चाहती कि मीडिया और चुनाव प्रचार के मामले में भाजपा जैसी गलती उससे भी हो जाए। खास बात यह है कि भाजपा कांग्रेस के प्रत्याशी चयन पर नजर रखे हुए है।

भाजपा नेताओं का मानना है कि कांग्रेस का एक गलत चयन उसे सफलता के मामले में चार कदम आगे बढ़ाएगा।

 


Tags:

google-search google-discover

इस खबर को शेयर करें


Comments