मल्हार मीडिया भोपाल
मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने 9 मार्च बुधवार को विधानसभा में मध्य प्रदेश का बजट प्रस्तुत किया। इस दौरान सरकार की तरफ से कई बड़ी घोषणाएं एवं प्रावधानों की जानकारी दी गई।
मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री की विधानसभा में घोषणाएं- बजट सत्र 2022-23
लाडली लक्ष्मी योजना के लिए नए प्रावधान।
4584 किलोमीटर सड़क बनाएंगे।
मुख्यमंत्री पशुपालन योजना के लिए 150 करोड़ का प्रावधान।
महिला स्व सहायता समूहों के लिए दो हजार करोड़ का प्रावधान।
सिंगरौली में इंजीनियरिंग कॉलेज, माइनिंग में इंजीनियरिंग की डिग्री।
मध्य प्रदेश के सभी शहरों के हवाई यातायात सेवाएं शुरू होंगी।
मंडला और छिंदवाड़ा में आदिवासियों के लिए कौशल विकास केंद्र।
अनुसूचित जाति के युवाओं को रोजगार के लिए 40 करोड़ का प्रावधान।
पिछड़ा वर्ग के युवाओं को रोजगार के लिए 50 करोड़ का प्रावधान।
मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह प्रोत्साहन योजना फिर शुरू करेंगे।
मध्य प्रदेश में 11 नए इंडस्ट्रियल एरिया बनाए जाएंगे।
पशु चिकित्सा के लिए सरकारी डॉक्टर घर पर विजिट करेंगे।
मध्यप्रदेश में सड़कों के लिए 108 करोड़ का प्रावधान।
बेसहारा गायों की सेवा के लिए नई योजना शुरू करेंगे।
बिजली सब्सिडी के लिए 2500 करोड़ का प्रावधान।
जनजातीय विकास निगम का गठन किया जाएगा।
इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए बड़े शहरों में चार्जिंग स्टेशन बनाएंगे।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में दक्षिण भारत की यात्रा कराई जाएगी।
सरकारी आवास योजना के तहत 1000000 हितग्राहियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य।
उज्जैन में मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए बजट मंजूर।
लाडली लक्ष्मी योजना के लिए 922 करोड़
आंगनवाड़ी केंद्र भवन निर्माण के लिए 111 करोड़
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण के लिए 800 करोड़
पौधशाला उद्यान हेतु 100 करोड़
निर्मल भारत अभियान के लिए 400 करोड़
मध्यप्रदेश की विधानसभा में आज अगले वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट प्रस्तुत किया गया। इसी के आधार पर सरकारी विभागों में अगले 1 साल तक काम काज होंगे। सीएम शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि उनका पूरा फोकस शिक्षा और चिकित्सा पर है। आइए पढ़ते हैं स्कूल शिक्षा विभाग यानी प्राइमरी और मिडिल एजुकेशन को मध्यप्रदेश में क्या मिला।
अतिथि शिक्षकों के मानदेय के लिए 350 का प्रावधान। यानी अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण नहीं होगा। रिक्त स्थानों पर नियमित शिक्षकों की भर्ती भी नहीं होगी।
पंचायती राज संस्थाओं के अध्यापक तथा संविदा शाला शिक्षकों के वेतन एवं मानदेय हेतु 300 करोड़ का प्रावधान।
सरकारी स्कूल, हॉस्टल, लाइब्रेरी, बोर्डिंग स्पोर्ट्स भवनों का निर्माण एवं विस्तार के लिए 235 करोड़ का प्रावधान। यानी कि सीएम राइज स्कूल को छोड़कर अगले 1 साल सरकारी स्कूलों में अतिरिक्त कक्ष निर्माण और मरम्मत के लिए पैसा बहुत कम रहेगा।
प्राइवेट अनुदान प्राप्त शालाओं के लिए 200 करोड़ का प्रावधान।
आम जनता से वसूले गए शिक्षा उपकर (जो बिजली के बिल में भी जुड़ा होता है) से ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यालयों का मेंटेनेंस एवं रिनोवेशन के लिए 166 करोड़ का प्रावधान।
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निर्धन बच्चों को निशुल्क कॉपी किताबों के लिए 109 करोड़ का प्रावधान।
हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्रयोगशाला और क्लासरूम मेंटेनेंस के लिए 100 करोड़ का प्रावधान।
सरकारी प्राइमरी स्कूलों की स्थापना ओं के लिए 10345 करोड़ का प्रावधान।
मिडिल स्कूलों के लिए 6212 करोड़ का प्रावधान।
समग्र शिक्षा अभियान के लिए 3908 करोड़ का प्रावधान।
गवर्नमेंट हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूल के लिए 3160 करोड़ का प्रावधान।
सीएम राइज स्कूलों के लिए 855 करोड़ का प्रावधान।
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स्कूल शिक्षा विभाग की प्रॉपर्टी के मेंटेनेंस हेतु 457 करोड़ का प्रावधान।
RTE- शिक्षा का अधिकार कानून के तहत प्राइवेट स्कूलों को ट्यूशन फीस देने के लिए 400 करोड़ का
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