ममता मल्हार।
मध्यप्रदेश के श्रम और पंचायत ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट की जांच से संतुष्ट नहीं हैं। इसका खुलासा उन्होंने पत्रकार वार्ता में मल्हार मीडिया एक सवाल के जबाव में किया। औद्योगिक और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की मजदूरी बढ़ाने संबंधी निर्णय को लेकर वह मीडिया से मुखातिब हुए थे।
बता दें मल्हार मीडिया ने मंत्री से हरदा पटाखा फैक्ट्री मामले में कम मुआवजा मिलने की शिकायत संबंधी सवाल पूछा था, जिसके जवाब में उन्होंने बताया कि सोमवार 11 मार्च को अधिकारियों द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट न केवल वापस कर दी गई है बल्कि श्रमिकों की पहचान का आधार भी पूछा गया है।
गौरतलब है कि पिछले माह हरदा में पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट हुआ था। जिसकी जांच रिपोर्ट श्रम मंत्री को सौंपी गई। श्रम मंत्री प्रह्लाद पटेल ने यह जांच रिपोर्ट वापस कर दी। बताया जाता है कि इस रिपोर्ट में फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों से ज्यादा जहां आम जन को घायल बताया गया है।
वहीं मजदूरों की सूची ही नहीं बनाई गई है। ऐसे में सवाल खड़े हुए है कि बिना मजदूरों के नाम की सूची के ही जांच रिपोर्ट तैयार कैसे की गई है।
श्री पटेल ने कहा, मजदूरों की संख्या तो 32 ही है, लेकिन जब सूची ही नहीं हैं तो सत्यापन कैसे किया? किसी घायल से पूछकर उसे श्रमिक तो नहीं बता सकते न। इंडस्ट्री में काम करने वाले श्रमिकों का नाम ही नहीं है तो उनके साथ न्याय कैसे होगा।
व्यवस्था पर पुन: विचार करना पड़ेगा
यदि 2015 में भी इसी फैक्ट्री में हादसा हुआ था तो श्रमिकों का पंजीयन क्यों नहीं हुआ को गंभीरता से लेते हुए श्री पटेल ने कहा कि हरदा कलेक्टर या विभाग के पास कोई पेपर हो तो दिखाएं। अन्यथा हमें व्यवस्था पर इसलिये भी विचार करना पड़ेगा कि क्या तरीका अपनाएं कि प्रभावित परिवारों को न्याय मिल सके। साथ ही जांच में हुई देरी पर भी चिंता जताई। कहा, गड़बड़ी करने वाले अफसरों को सेवा करने का अधिकार नहीं है।
संबल मामले में आयुक्त से होगी रिकवरी
भोपाल नगर निगम में जीवित लोगों को संबल योजना का लाभ दिये जाने को मामले को श्रम विभाग ने संज्ञान लिया है। विभागीय मंत्री ने कहा कि इस मामले में पीएस से आयुक्त को रिकवरी के लिये नोटिस देने के निर्देश दिये गए हैं। इसके पीछे तर्क दिया है कि आयुक्त जो कार्रवाईयां करते हैं वो उनका अधिकार क्षेत्र है, लेकिन संबल का भुगतान श्रम मंत्रालय के पैसे से होता है।
बता दें कि इस मामले में नगर निगम के 6 अधिकारियों को निलंबित किया गया है।
9 साल बाद बढ़ी श्रमिकों की मजदूरी
मंगलवार को बीड़ी, अगरबत्ती, खेती जैसे काम में लगे श्रमिकों को मिलने वाली मजदूरी 25 प्रतिशत बढ़ाने के कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए श्री पटेल ने बताया कि बढ़ी हुई मजदूरी 1 अप्रैल, 2024 से मिलेगी। मप्र में 9 साल बाद मजदूरी की दरें बढ़ाई गई हैं। इससे पहले 2014 में मजदूरी दर बढ़ाई गई थी। इसके बाद प्रति मास अकुशल श्रमिकों को 11 हजार 450 रुपए, अर्ध कुशल को 12 हजार 446 और खेतिहर मजदूर 9 हजार 160 रुपए प्राप्त होंगे। वहीं पार्ट टाइम मजदूरी करने वाल संबल योजना से जोड़े जाएंगे। दिव्यांगता और मृत्यु पर मिलने वाली सहायता राशि 4 लाख करते हुए मजदूरों को ई स्कूटर खरीदने के लिए 40 हजार रुपए देने का ऐलान किया है।
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