मल्हार मीडिया भोपाल।
नर्सिंग काउंसिल की हाल ही में नवनियुक्त रजिस्ट्रार की नियुक्ति पर सवाल खड़े हो गए हैं। रजिस्ट्रार अनीता चांद पर फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को सूटेबल बताकर मान्यता दिलाने के आरोप हैं।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल को पत्र लिखकर रजिस्ट्रार अनीता चांद को हटाने की मांग की है।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा है कि उच्च न्यायालय में चल रहे प्रकरण और सीबीआई जांच के चलते फर्जीवाड़े के आरोपियों को मलाई दार पद सौंपा जाना बिल्ली को दूध की रखवाली सौंपे जाने जैसा है।
हम मुख्यमंत्री से मांग करते हैं कि रजिस्ट्रार अनीता चांद को तत्काल पद से हटाया जाए, जिससे कि प्रदेश के लाखों छात्र-छात्राओं का भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो सके।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा है कि जहां नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता घोटाले के मामले में हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई जांच चल रही है।
वहीं पिछले 3 साल में खोले गए 700 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेजों में से आधे से ज्यादा नर्सिंग कॉलेज मापदंड पर खरे नहीं उतर रहे हैं।
इसी बीच फिर से मध्यप्रदेश नर्सिंग काउंसिल में दागियों को बैठाने का सिलसिला शुरू हो चुका है, पिछले दिनों रजिस्ट्रार के रूप में अनीता चांद की नियुक्ति की गई है।
जिन्होंने सत्र 2021-22 की मान्यता प्रक्रिया के समय निरीक्षण टीम में शामिल रहकर अपात्र कॉलेज को मान्यता दिलाने कूट रचित रिपोर्ट पेश की थी।
जब कोर्ट के आदेश पर दोबारा उस कॉलेज की जांच हुई तो सच्चाई सामने आई और अपात्र कॉलेज की मान्यता खत्म की गई। लेकिन उस फर्जीवाड़े को अंजाम देने वाली निरीक्षण अधिकारी पर कार्यवाही करने के स्थान पर पुरस्कार के रूप में नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार के पद से नवाजा गया है।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा है कि अनीता चांद द्वारा रजिस्ट्रार बनते ही कई दागियों को काउंसिल में बुलाकर स्क्रूटनी कमेटी का सदस्य बनाया गया है। क्योंकि नर्सिंग काउंसिल के द्वारा अभी नए सत्र 2024-25 की मान्यता प्रक्रिया की जा रही है।
जिसके अंतर्गत अगले एक सप्ताह में सभी कॉलेजों के मान्यता आवेदनों पर निर्णय किए जाने हैं। ऐसे समय में सरकार के संज्ञान में लाये जाने और याचिकाकर्ता द्वारा शिकायत के बावजूद भी सरकार के द्वारा रजिस्ट्रार अनीता चांद को हटाया नहीं जा रहा है।
Comments