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मप्र के कैबीनेट मंत्री की बहू ने की आत्महत्या, मंत्री ने पहचानने से किया इन्कार

खास खबर            Mar 17, 2018


मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्य प्रदेश सरकार के लोक निर्माण मंत्री रामपाल सिंह की बहू ने आत्महत्या कर ली। प्राप्त जानकारी के अनुसार मंत्री रामपाल की बहू प्रीति रघुवंशी अपने पति गिरिजेश प्रताप सिंह की दूसरी शादी तय होने से नाराज थी। गिरिजेश प्रताप सिंह प्रदेश सरकार के मंत्री रामपाल सिंह के पुत्र हैं। उधर मंत्री रामपाल ने कहा कि वह प्रीति को नहीं जानते।

सूत्रों के से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रीति से गिरिजेश ने 2017 में भोपाल के आर्य समाज मंदिर शादी कर ली थी, लेकिन रामपाल सिंह इसके लिए सहमत नहीं थे। उन्होंने हाल ही में गिरिजेश की दूसरी शादी इंदौर में तय कर दी थी, जिससे नाराज होकर प्रीति ने रायसेन के पास उदयपुरा कस्बे में आत्महत्या कर ली। प्रीति ने मंत्री पर बेटे की दूसरी शादी कराने और सत्ता के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया था।

प्रीति ने सुसाइड नोट भी छोड़ा है जिसमें उसने अपने किए की गलती मानते हुए सभी से माफी मांगी है। प्रीति ने नोट में लिखा - पापा मम्मी मुझे माफ कर देना। मेरी वजह से आपको बहुत परेशानी झेलनी पड़ी है। आप इसके लिए किसी को दोष नहीं देना.. चाचा चाची को भी नहीं। प्रीति ने नोट में अपने चाचा-चाची से भी माफी मांगी। पूरे सुसाइड नोट में प्रीति ने कहीं भी गिरिजेश या मंत्री रामपाल सिंह का जिक्र नहीं किया है। ना ही उसने सुसाइड के लिए कोई ठोस वजह लिखी है।

उधर मंत्री रामपाल सिंह ने प्रीति को अपनी बहू मानने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि वे इस युवती को नहीं जानते और पूरे मामले की जांच होनी चाहिए।

वहीं प्रीति के पिता चन्दनसिंह रघुवंशी ने गिरिजेश और प्रीति और के विवाह के आर्य समाज मंदिर में हुई शादी का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रीति और गिरिजेश ने विवाह किया था, ऐसे में प्रीति मंत्री की बहू हुई। उन्होंने ये भी कहा कि पति गिरिजेश के आने के बाद ही वे बेटी प्रीती का अंतिम संस्कार करेंगे।

उधर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मामले को लपकने में देर नहीं लगाई। उ कांग्रेस पार्टी ने मांग की है कि प्रदेश की एक बिटिया द्वारा सत्ता के मद में अंधे मंत्रीपुत्र द्वारा किये गये धोखे, शारीरिक/ मानसिक उत्पीड़न के बाद की गई आत्महत्या के कारण मामला सामान्य से अधिक गंभीर है।

लिहाजा, मंत्रीपुत्र गिरजेश प्रताप सिंह के विरूद्व भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा-306 के तहत आत्महत्या हेतु दुष्प्रेरण का मामला दर्ज किया जाये, ताकि प्रदेश में महिला सशक्तिकरण और बेटी बचाओ जैसे बहुप्रचारित सरकारी अभियान की गंभीरता का प्रमाण सामने आ सके।

साथ ही लोक निर्माण मंत्री श्री रामपालसिंह का तत्काल प्रभाव से मंत्री पद से त्याग पत्र लिया जाये, क्योंकि मंत्री पद पर रहते हुए वे अपने अपराधी पुत्र को बचाने और साक्ष्यों को मिटा सकते हैं, जिससे पीडि़त पक्ष को कानून के राज की स्थापना के विपरीत अन्याय का सामना करना पड़ेगा।

 


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