ममता मल्हार।
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा लाड़ली बहना योजना लांच करने के बाद से ही यह सवाल उठ रहे थे कि युवकों और अविवाहित युवतियों के लिए सरकार कोई योजना क्यों नहीं ला रही है। लेकिन दूरदर्शी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घरेलु महिलाओं के लिए जहां लाडली बहना लांच की ताकि उन्हें आर्थिक रूप से निर्भर न रहे।
वहीं आज मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में संपन्न हुई विशेष कैबीनेट बैठक में सीखो-कमाओ योजना को मंजूरी देकर यह संदेश दिया कि समाज के हर वर्ग के लिए सरकार सीढ़ी दर सीढ़ी योजनाएं ला रही है ताकि बेरोजगारी और परनिर्भरता का प्रतिशत प्रदेश में कम हो सके।
आज बुधवार 17 मई को शिवराज कैबीनेट ने सीखो-कमाओ योजना को मंजूरी दी।
इसके तहत बेरोजगार युवाओं को आठ से दस हजार रूपए का स्टायपेंड सीखने के दौरान दिया जाएगा
इस येाजना के मकसद के बारे में मुख्यमंत्री शिवराज का कहना है कि बेरोजगारी भत्ता देना बेमानी है, इसलिए हम बैसाखी नहीं बल्कि युवाओं को उड़ने के लिए पंख दे रहे हैं।
उन्होंने बताया कि बेरोजगार बेटे-बेटियों के लिए एक नई योजना सीखो-कमाओ को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इस योजना में काम सीखने के बदले पैसा दिया जाएगा।
सीएम ने कहा कि इस योजना के तहत 12वीं, आईटीआई, ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट पात्र होंगे।
मुख्यमंत्री ने योजना की जानकारी विस्तार से देते हुए कहा कि जिन्होंने 12वीं पास कर ली, जिन्होंने बीए-बीएससी कर ली या जिन्होंने एमए-एमएससी कर ली। उनको रोजगार की तलाश है। सरकारी नौकरियों में भर्ती चल रही है। लेकिन सबको नौकरी नहीं मिल सकती इसलिए हमने एक योजना बनाई है 'काम सीखो'।
मुख्यमंत्री शिवराज ने बताया कि हमने 700 काम चिन्हित किए हैं। इसमें इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म, ट्रेवल, अस्पताल, रेलवे, आईटीआई, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, बैकिंग, बीमा, लेखा, चार्टर्ड अकाउंटेंट और अन्य वित्तीय सेवाएं आदि शामिल हैं। यह काम किसी संस्था, कंपनी, फैक्ट्री, अस्पताल में सिखाए जाएंगे। इस दौरान बच्चों के खातों में सीधे पैसा ट्रांसफर किया जाएगा।
सीएम शिवराज ने कहा कि प्रतिष्ठान के पास पेन नंबर और जीएसटी पंजीयन होना आवश्यक होगा। प्रतिष्ठान अपने कुल कार्यबल के 15 प्रतिशत की संख्या तक छात्र प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दे सकेंगे। योजना में 12वीं उत्तीर्ण प्रशिक्षणार्थियों को 8 हजार रूपए, आईटीआई उत्तीर्ण को 8 हजार 500 रूपए, डिप्लोमा उत्तीर्ण को 9 हजार रूपए और स्नातक उत्तीर्ण या उच्च शैक्षणिक योग्यता वालों को 10 हजार रूपए प्रतिमाह स्टाइपेंड दिया जाएगा।
स्टाइपेंड की 75 प्रतिशत राशि राज्य शासन की ओर से प्रशिक्षणार्थी को डीबीटी से भुगतान की जायेगी। संबंधित प्रतिष्ठान को निर्धारित न्यूनतम स्टाइपेंड की 25 प्रतिशत राशि प्रशिक्षणार्थी के बैंक खाते में जमा करानी होगी।
योजना के तहत सरकार ने एक लाख बेरोजगारों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा है। यदि इससे ज्यादा भी बेरोजगार युवा आते हैं तो उन्हें शामिल किया जाएगा। इसमें एक पोर्टल पर युवाओं को रजिस्ट्रेशन करना होगा। साथ ही अपने शैक्षिणक योग्यता के दस्तावेज, समग्र आईडी, स्थाई निवासी प्रमाण पत्र समेत अन्य जानकारी अपलोड करनी होगी। योजना की पात्रता के लिए मध्य प्रदेश का निवासी होना जरूरी है। आयु 18 से 29 वर्ष और न्यूनतम शैक्षणिक अर्हता 12वीं पास या आईटीआई जरूरी है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि अभी हमारा पोर्टल बन रहा है।
7 जून से जिन प्रतिष्ठानों को ऐसे बच्चों को काम सिखाना है उनका पंजीयन प्रारंभ हो जाएगा। इसके बाद 15 जून से बच्चों का रजिस्ट्रेशन होगा। 15 जुलाई से मार्केट में बच्चों का प्लेसमेंट शुरू हो जाएगा। 31 जुलाई तक युवा प्रतिष्ठान (जहां वो काम करेंगे) और मध्य प्रदेश शासन के बीच ऑनलाइन अनुबंध हो जाएगा। एक अगस्त से बच्चे काम करना प्रारंभ कर देंगे। उसके बदले में उन्हें यह राशि एक महीना काम करने के बाद मिलना प्रारंभ हो जाएगी।
तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मनु श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के अंतर्गत कम से कम एक लाख युवाओं को प्रतिष्ठानों में प्रशिक्षण कराने के उद्देश्य से राशि एक हजार करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई। इस योजना के अंतर्गत 18 से 29 वर्ष के युवा जो मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी है। जिनकी शैक्षणिक योग्यता 12वीं अथवा आईटीआई या उच्च है, वे पात्र होंगे। प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को आठ से दस हजार रुपये प्रतिमाह स्टाइपेण्ड प्राप्त होगा। स्टाइपेंड का 75% राज्य शासन द्वारा डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड की ओर से स्टेट काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग का प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
Comments