Breaking News

नायक किरदार में शिवराज, जनता की शिकायतें सीधे सुनना, औचक निरीक्षण ऑनस्पॉट निलंबन

खास खबर            Dec 03, 2022


मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों नायक के किरदार को जीते नजर आ रहे हैं, यही वजह है कि उनके तेवर आजकल कुछ अलग ही नजर आते हैं।

मंच से अफसरों को सस्पेंड करते हैं,  ग्रामीणों और किसानों के बीच जाते हैं,  शिकायतें सीधे सुनते हैं और बड़े अफसरों को तत्काल निलंबित भी करते हैं।

शनिवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ। पहले तो बैतूल के चार अधिकारियों को सस्पेंड किया। उसके बाद डेस्टिनेशन बताए बिना हेलीकॉप्टर में सवार हो गए।

अचानक कहा कि डिंडौरी चलना है। फिर क्या था डिंडौरी के शाहपुरा में चॉपर उतरा। यहां से सीधे वे सड़क मार्ग से बेलगांव मध्यम सिंचाई परियोजना (बिलगढ़ा) बांध पहुंच गए। वहां ग्रामीणों और किसानों से मुलाकात की।

उनकी शिकायतों को सुना और तत्काल तीन अफसरों ईई वीजी एस सांडिया, एसई एसके चौधरी, एसडीओ बेलगांव एम के रोहतास, शहपुरा शाला बड़झर,

आदिवासी बालक आश्रम के छात्रावास अधीक्षक कमलेश कुमार और मंडला जिला अस्पताल के सिविल सर्जन साकया को सस्पेंड करने का फरमान भी जारी कर दिया।

डिंडौरी एक आदिवासी जिला है। जिले में 927 गांव हैं। इसमें से 899 में बैगा जनजाति रहती है। शिवराज इन दिनों आदिवासियों के लिए लागू किए नए कानून पेसा की जानकारी सबको देने की कोशिश में सभाएं कर रहे हैं।

पिछले कुछ समय से भाजपा और शिवराज का फोकस स्पष्ट तौर पर आदिवासी इलाकों पर हो गया है।

मुख्यमंत्री जनजातीय वर्ग के बीच जा रहे हैं, उनकी समस्या सुन रहे हैं।

वहीं, आदिवासी बालक आश्रम शाला बड़झर विधानसभा शहपुरा जिला डिण्डौरी के छात्रावास अधीक्षक कमलेश कुमार को सस्पेंड किया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दो महीने में अपने कामकाज का तरीका ही बदल दिया है।

जिलों की समीक्षा सुबह-सुबह करते हैं। जहां जाते हैं, वहां आम लोगों से मिलते हैं,  उनकी समस्याओं और शिकायतों को सुनकर तत्काल कार्रवाई करते हैं।

बड़े अफसरों को निलंबित करने में भी देर नहीं लगा रहे। शिवराज जननेता की छवि चाहते हैं। साफ है कि शिवराज चुनावी मूड में आ गए हैं।

शिवराज सिंह चौहान ने 2005 में पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद जनदर्शन और औचक निरीक्षण से ही अपनी छवि बनाई थी। मुख्यमंत्री ने बैतूल से जनदर्शन यात्रा की शुरुआत की थी।

वह खुली गाड़ी में गांव-गांव लोगों से मिलते हुए गुजरते थे। इस बीच शिकायतों के आवेदन लेते गए।

शाम को ही आवेदनों पर कार्रवाई कर समस्या का समाधान और गड़बड़ अधिकारियों पर एक्शन लेते। इसके बाद जनता को किसी भी प्रकार की समस्या के निराकरण के लिए प्रदेश में जनसुनवाई की शुरुआत की थी।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का जिलों से फीडबैक के लिए अपना नेटवर्क है। इसमें सीएम हेल्पलाइन से आने वाली शिकायतें, डाक से मिलने वाली शिकायतें और जिलों के स्थानीय नेता और उनके संपर्क के लोगों से मिला फीडबैक शामिल होता है। अपनी इसी नेटवर्क के आधार पर सीएम तुरंत गड़बड़ और भ्रष्टाचारियों पर एक्शन लेते हैं। 

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मध्यप्रदेश में अपने अंतिम चरण में है। राहुल को जनता को जबरदस्त समर्थन मिला है।

कांग्रेसी बुरहानपुर, इंदौर और खंडवा में उम्मीद से ज्यादा समर्थन मिलने से उत्साहित है। इस यात्रा से प्रदेश के कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं का हौंसला बढ़ा है।

यात्रा के एमपी में प्रवेश के बाद से बीजेपी भी लगातार हमलावर है। अब सीएम के औचक निरीक्षण को यात्रा के प्रभाव को कम करने की कोशिश बताया जा रहा है।

राजनीतिक मामलों के जानकार पत्रकार प्रभु पटैरिया का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान पहले भी जनता के बीच जाते रहे है। औचक निरीक्षण करते रहे है।

उनका अपना एक नेटवर्क है। उसको लेकर वह अपना एक्शन लेते है,  एक पक्ष यह भी है कि राहुल गांधी की यात्रा से कांग्रेस जिस तरह चुनावी मोड में आ रही है।

इसे जोड़कर भी शिवराज के औेचक निरीक्षण को लेकर देखा जा रहा है। यह भी तय है कि शिवराज की जननेता की छवि के साथ बीजेपी चुनाव में उतरेगी।

 



इस खबर को शेयर करें


Comments