मल्हार मीडिया भोपाल।
एम्स भोपाल के नेत्र विभाग ने कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ) अजय सिंह के मार्गदर्शन में एक और उपलब्धि हासिल कर ली है।
29 जून को एम्स भोपाल के नेत्र विभाग को कॉर्नियल रिट्रीवल के लिए दो नेत्रदान प्राप्त हुए।
मध्य प्रदेश के भोपाल के मंडीदीप निवासी आयुष झाड़बड़े ने उदारता और मानवता का परिचय देते हुए स्वेच्छा से अपने दिवंगत पिता गणेश झाड़बड़े की कॉर्निया दान की, जिनकी आयु 42 वर्ष थी। यह परोपकारी योगदान दो व्यक्तियों को दृष्टि प्रदान करेगा, जिससे उनके जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होगा।
प्रो. डॉ. अजय सिंह ने आभार व्यक्त करते हुए कहा, "हम अपने नेत्रदाताओं और उनके परिवारों के प्रति बहुत आभारी हैं। उनके निस्वार्थ दान ने सामाजिक योगदान और करुणा का एक उल्लेखनीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। ये दान दृष्टिहीन लोगों के लिए आशा और प्रकाश की किरण हैं।" एम्स भोपाल का नेत्र विभाग इस कार्यक्रम के द्वारा अधिक से अधिक व्यक्तियों की दृष्टि वापस ला कर उनके जीवन में क्रन्तिकारी बदलाव लेन के लिए प्रयास रत है।
नेत्र विभाग की प्रमुख डॉ भावना शर्मा बताती हैं कि दरअसल कॉर्निया आंख के ऊपर गुंबद के आकार की एक सतह होती है, जो आंख को पढ़ने या देखने में फोकस करने में मदद करती है। यदि कोई व्यक्ति मृत्यु के उपरांत अपनी आंखें दान करता है तो उस व्यक्ति की आंखों से कॉर्निया निकाल कर किसी ऐसे व्यक्ति की आँखों में लगा दिया जाता है जिसका कॉर्निया ख़राब हो गया होता है और वो फिर से अपनी आँखों से इस दुनिया को देख पता है। जब किसी व्यक्ति की आंख का कॉर्निया खराब हो जाता है और इसे दवा से भी ठीक नहीं किया जा सकता है तो उस स्थिति में डॉक्टर कॉर्नियल ट्रांसप्लांट सर्जरी की सलाह देते हैं। एम्स भोपाल विगत 5 वर्षों से कॉर्नियल रिट्रीवल कर रहा है।
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