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बाबा महाकाल की सवारी में डमरू वादन का बनेगा विश्व रिकॉर्ड

खास खबर            Aug 04, 2024


मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश के उज्जैन में श्रावण मास के तीसरे सोमवार 5 अगस्त को निकलने वाली बाबा महाकाल की सवारी में उत्साह, उमंग और भक्ति का दृश्य और अधिक विहंगम होगा। सवारी में 1500 डमरू वादक भस्म आरती की धुन पर डमरू वादन कर विश्व कीर्तिमान रचेंगे। भोपाल और उज्जैन के डमरु वादक के दल द्वारा महाकाल लोक के शक्तिपथ और सवारी में विशेष प्रस्तुति दी जाएगी।

  डमरू वादकों द्वारा महाकाल लोक के शक्तिपथ पर प्रातः 11 बजे विशेष प्रस्तुति दी जायेगी। जिला प्रशासन और महाकाल प्रबंध समिति द्वारा डमरू वादन के कार्यक्रम की समुचित तैयारियां सुनिश्चित की गई हैं। डमरू वादकों के दलों को महाकाल प्रबंध समिति की ओर से विशेष प्रशिक्षण दिया गया हैं। जिसकी रविवार को फाइनल रिहर्सल की गई।

    प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की मंशानुरूप बाबा महाकाल की सवारी में उत्साह और आकर्षण को और अधिक बढ़ाने के क्रम में जनजातीय कलाकारों की प्रस्तुति, 350 जवानों के पुलिस बैंड की प्रस्तुति के बाद अब बाबा महाकाल की सवारी में डमरू वादन का गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनने जा रहा हैं।

महाकाल श्री शिवतांडव स्वरूप में देंगे दर्शन

तृतीय सोमवार को भगवान श्री महाकालेश्वर श्री चंद्रमौलेश्वर के रूप में पालकी में , हाथी पर श्री मनमहेश के रूप में व गरूड़ रथ पर श्री शिव-तांडव रूप में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे।

महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर मृणाल मीना ने बताया कि, महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने के पूर्व महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान चन्द्रमोलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन होगा। उसके पश्चात भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे।

मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी जावेगी। भगवान महाकाल की सवारी का सजीव प्रसारण महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के फेसबुक पेज पर भी किया जाएगा।

जनजातीय कलाकार भी बिखेरेंगे कला संस्कृति की छटा

मजनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद के माध्यम से भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी में जनजातीय कलाकारों का दल भी सहभागिता करेगा। 05 अगस्त को मध्यप्रदेश के निमाड अंचल के पारंपरिक लोकनृत्य काठी नृत्य दल महाकालेश्वर भगवान की तीसरी सवारी में पालकी के आगे भजन मंडलियों के साथ अपनी प्रस्तुति देते हुए चलेगा।

 


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