केशव दुबे।
मध्य प्रदेश के विभिन्न टाइगर रिजर्व और नेशनल पार्कों में बाघों की गणना का काम सोमवार सुबह से शुरू हो गया। खास बात यह है कि बाघों की गणना के इस काम में देश के विभिन्न प्रांतों से आए 112 वालंटियर्स भी वनकर्मियों की मदद कर रहे हैं।
प्रदेश में 5 फरवरी से 25 मार्च तक चलने वाली बाघों की गणना का पहला चरण सोमवार से सभी जोन में शुरू हो गया। गणना के लिए एकतरफ जहां जंगलों में लगे कैमरे बाघों के फोटोग्राफ्स ले रहे हैं, वहीं प्रशिक्षित वनकर्मी जंगलों में बाघों की मौजूदगी के साक्ष्य जुटा रहे हैं। बाघों द्वारा पेड़ों पर लगाई खरोंच, उनकी विष्ठा, स्प्रे, पगमार्क आदि जुटाने के काम में देश के विभिन्न प्रातों से आए 112 वालंटियर्स भी कंधे से कंधा मिलाकर वनकर्मियों के साथ काम कर रहे हैं। ये वालंटियर्स जंगलों की खाक तो छान ही रहे हैं, जरूरी होने पर जंगलों में ही रहते भी हैं।
पीसीसीएफ (वाइल्ड लाइफ) कार्यालय के जनसंपर्क प्रभारी रजनीश के. सिंह के अनुसार इस बार वालंटियर्स के लिए पूरे देश में विज्ञापन जारी किया गया था। जिन वालंटियर्स ने जिस जोन के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था, उन्हें उसी जोन मुख्यालय पर प्रशिक्षण दिया गया है। बाघों के साक्ष्य जुटाने के लिए जंगलों में घूम रहे इन वालंटियर्स में पुरुषों के साथ महिलाएं भी शामिल हैं और सिर्फ मध्यप्रदेश के नहीं हैं।
पीसीसीएफ (वाइल्ड लाइफ) कार्यालय के अनुसार इनमें गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक सहित देश के अन्य प्रांतों के वालंटियर्स भी शामिल हैं। इन वालंटियर्स में सिर्फ उत्साही युवक-युवतियां ही नहीं, बल्कि हर आयु वर्ग के लोग शामिल हैं। प्रदेश के टाइगर रिजर्व एवं नेशनल पार्कों में बाघों की गणना का पहला चरण सोमवार से शुरू हुआ है,जो 11 फरवरी तक चलेगा। अंतिम चरण 25 मार्च को पूरा होगा।
कहां, कितने वालंटियर्स
कान्हा- 31
पन्ना- 29
पेंच- 11
सतपुड़ा- 27
उज्जैन- 7
बांधवगढ़- 7
(माधव अभ्यारण्य जोन में वालंटियर्स के रजिस्ट्रेशन की सूचना नहीं है।)
मल्हार मीडिया के लिये।
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