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पंचायत चुनावों मे प्रशासनिक दुरूपयोग के आरोपों को सीएम ने नकारा

मध्यप्रदेश            Jul 29, 2022


मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में कांग्रेस द्वारा लगाए जा रहे प्रशासनिक दुरूपयोग के आरोपों को नकारते हुए सवाल किया है कि कई स्थानों पर कांग्रेस जनप्रतिनिधी भी जीते हैं उसका क्या।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने राज्य में लगभग सात वर्षों बाद संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में सत्तारुढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को एकतरफा जनसमर्थन मिलने का दावा करते हुए कहा कि आज भी कुल 51 जिला पंचायतों में से 41 पर भाजपा समर्थित जनप्रतिनिधि जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित घोषिए हुए हैं।

एक समाचार एजेंसी से श्री चौहान ने चर्चा करते हुए कहा कि राज्य के 52 जिलों में से आज 51 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्षों के लिए निर्वाचन हुआ, जिसमें से 41 पर भाजपा समर्थित जनप्रतिनिधि जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित घोषित किए गए।

उन्होंने बताया कि इसी तरह त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव प्रक्रिया के दौरान 23 हजार ग्राम पंचायतों के लिए चुनाव में 20 हजार से अधिक पर भाजपा समर्थित जनप्रतिनिधि सरपंच चुने गए।

मुख्यमंत्री ने बताया कि इसके अलावा राज्य की कुल 313 में से 312 जनपद पंचायतों में चुनाव में भी भाजपा के प्रति एकतरफा समर्थन दिखायी दिया और 227 जनपद पंचायतों में भाजपा से संबंधित जनप्रतिनिधि जनपद पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित घोषित किए गए।

करीब 630 से अधिक समरस पंचायतें भी भाजपा समर्थित हैं।

उन्होंने कहा कि ये चुनाव नतीजे राज्य की भाजपा सरकार के पिछले कई वर्षों के जनकल्याण संबंधी कार्याें और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों पर जनता की मुहर है।

श्री चौहान ने इस संबंध में राज्य सरकार की जनकल्याण से जुड़ी नीतियों और ढांचागत सुविधाओं के विकास से संबंधित योजनाओं का हवाला भी दिया और कहा कि इन सभी के प्रति भी जनता ने अपना सकारात्मक रुख प्रदर्शित किया है।

चुनाव नतीजों से उत्साहित दिखायी दे रहे श्री चौहान ने कहा कि वे इसके लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष (विष्णुदत्त शर्मा), अन्य पदाधिकारियों, पार्टी कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों को बधाई देने के साथ ही उनके प्रति आभार भी व्यक्त करना चाहते हैं।

उन्होंने आज संपन्न हुए जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनावों के परिप्रेक्ष्य में कहा कि नर्मदापुरम जिला और डिंडोरी जिले में भी भाजपा समर्थित जनप्रतिनिधि के जिला पंचायत अध्यक्ष बनने की उम्मीद इसलिए थी, कि वहां पर भी भाजपा से जुड़े जनप्रतिनिधि बहुमत में थे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि भाजपा संगठन स्तर पर इन मामलों को दिखवाया जाएगा।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के दौरान मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं के सत्तारूढ़ दल भाजपा पर धनबल, पुलिस और प्रशासन के दुरुपयोग संबंधी आरोपों के बारे में श्री चौहान ने कहा कि कांग्रेस के नेता इन दिनों कुछ भी कह और कर रहे हैं।

यदि ऐसा होता, तो जिन स्थानों पर कांग्रेस से जुड़े जनप्रतिनिधि जीते हैं, उसका क्या। श्री चौहान ने कहा कि भाजपा ने चुनावों में जिन स्थानों पर जीत की बात कही है, वहां पर विजय हासिल करने वाले नेता और जनप्रतिनिधियों का नाम भी जारी किया गया है।

वहीं कांग्रेस के दावों में ऐसा कोई भी दम नहीं है। कांग्रेस नेता अपनी पराजय को छिपाने के लिए इस तरह के कार्य कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने एक उदाहरण देते हुए और किसी नेता का नाम लिए बगैर कहा कि आज भोपाल में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के दौरान एक पूर्व मुख्यमंत्री भी निर्वाचन स्थल के समीप पहुंचे और वहां मुख्य द्वार के समीप खड़े हो गए।

उन्होंने प्रतिप्रश्न किया कि क्या एक पूर्व मुख्यमंत्री को इस तरह करना चाहिए। इस दौरान निर्वाचन में वोट देने जा रही महिलाओं को रोकने का प्रयास भी किया गया।

राज्य में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले पिछले दो माहों के दौरान संपन्न त्रिस्तरीय
पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों को राजनैतिक गलियारों में ''सेमीफायनल'' बताए जाने से जुड़े सवाल पर श्री चौहान ने कहा कि प्रत्येक चुनाव का अपना महत्व होता है और उसके नतीजे जनसमर्थन को अभिव्यक्त करते हैं। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इन चुनावों में जनमसर्थन भाजपा के साथ खड़ा है।

मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि निश्चित तौर पर चुनावों में सत्तारूढ़ दल के विजयी होने से सरकार की जनता के प्रति जवाबदेही और बढ़ गयी है और हम जनता की अपेक्षाओं पर पूरी तरह खरा उतरने का प्रयास करेंगे।

इसी से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायतों के अधीन आने वाले ग्रामीण इलाकों में विकास के लिए धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। सरकार नया कर लगाए बगैर अपने वित्तीय संसाधन बढ़ाएगी।

इसके लिए राजस्व संग्रह के मौजूदा ढांचे को और बेहतर किया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक राजस्व संग्रह हो और इसका उपयोग विकास कार्यों में किया जा सके।

श्री चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का जिक्र करते हुए कहा कि जब वे सत्ता में थे, तो हमेशा विकास के लिए पैसों की कमी का रोना रोते थे। वे तो यह तक कहते थे कि मामा खजाना खाली छोड़ गया है।

मुख्यमंत्री के मुताबिक विकास के लिए राज्य में संसाधनों की कमी नहीं है। विकास के लिए इच्छाशक्ति की आवश्यकता रहती है और ये मौजूदा भाजपा सरकार में है।

राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव लगभग सात वर्ष पहले हुए थे। गैरदलीय आधार पर होने वाले इन चुनावों में निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल पांच वर्ष का निर्धारित रहता है।

पिछले दो ढाई वर्ष पहले ये चुनाव हो जाने थे, लेकिन कोरोना महामारी की विभीषिका और अदालतों में कुछ मामले लंबित होने के कारण ये चुनाव टल गए थे।

राज्य निर्वाचन आयोग ने पिछले दो माह के दौरान ये चुनाव संपन्न कराए और कुछेक स्थानों पर जहां चुनाव नहीं हुए हैं, वे अदालती कार्यवाही के कारण लंबित हैं।

 



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