मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्य प्रदेश के धार के निर्माणाधीन कारम बांध के कारण उत्पन्न हुआ अप्रत्याशित संकट टल गया है। बांध से सुरक्षित पानी निकासी में अथक परिश्रम करने वाले असली हीरो पोकलेन ऑपरेटर शिवकुमार कोल, पप्पू कुमार महतो, संजय भारती, मोहम्मद सैयद आलम, रमेश कुमार कोल और हेल्पर प्रमोद कुमार, सूरज कुमार कोल, नीतीश कुमार, अमित, जय सिंहका मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने आभार व्यक्त किया है साथ ही ज़िला मुख्यालय के स्वतंत्रता दिवस समारोह में सम्मानित करने का निर्णय लिया है। ये सभी जल्द ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भेंट करेंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह बोले मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि संकट टल गया है, अब सब सुरक्षित हैं। परसों से हम और पूरी टीम इस अभियान में लगे थे कि लोगों की जिंदगी बचा पायें, पशुओं की जिंदगी बचा पायें।
यह बताते हुए मुझे संतोष है कि 18 गांवों की जनता को भी कि अब कोई संकट नहीं है।
प्रापत जानकारी के अनुसार कारम डैम (धार) के क्षतिग्रस्त होने की आपदा आपदा प्रबंधन: कारम डैम में डेड स्टोरेज तक ही पानी शेष बचा। बाईपास टनल में पानी की डिस्चार्ज नगण्य हुआ।
डाउन्स्ट्रीम पर कारम नदी का जलस्तर सामान्य स्तर की तरफ़ तेज़ी से लौट रहा। ८.३० बजे AB रोड चालू किया गया। कोई भी जनहानि, पशुहानि की सूचना नहीं।
सुरक्षा का आँकलन करने के उपरांत ज़िला प्रशासन धार और खरगोन द्वारा १८ गाँवों के १४,००० ग्रामीणजन को अपने अपने घर जा सकने की अनुमति दो गयीं।
हालाँकि ग्रामीणजनों की सुविधा के लिए दोनो ज़िलों में राहत कैम्प कल भी चलेंगे।
आर्मी के दोनो कॉलम, NDRF की चारों टीमें और दोनो airforce हेलिकाप्टर्ज़ कल सुबह de-requisition कर दिए जाने का निर्णय लिया गया।
धार जिले में कारम नदी पर निर्माणाधीन बांध की एक दीवार में दरार दिखने के बाद बांध को खाली करने के लिए एक समानांतर चैनल बनाया गया है।
एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी, उन्होंने कहा कि रविवार तड़के तीन बजे इस बांध से समानांतर चैनल के जरिये पानी निकलना शुरू हो गया है।
कुछ विशेषज्ञों ने बताया कि इसके साथ ही बांध की दीवार पर पानी का दबाव कम होने लगा है, जिससे इस बांध के टूटने का खतरा भी अब कम हो गया है।
अधिकारियों ने कहा कि इसके अलावा, धार में हो रही बारिश भी शुक्रवार से रुक गई है, जिससे इस बांध में आसपास के ऊपरी इलाकों से और पानी आना बंद हो गया है।
इससे भी बांध को बचाने में मदद मिली है। यदि इलाके में बारिश नहीं रुकती, तो स्थिति जटिल हो सकती थी।
मध्य प्रदेश के धार जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर कारम नदी पर 304 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस बांध की दीवार से गुरुवार से जारी पानी के रिसाव एवं मिट्टी गिरने से बांध के टूटने का खतरा पैदा हो गया था।
इसी आशंका के मद्देनजर यहां शनिवार को आपदा प्रबंधन के लिए सेना एवं राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम भी पहुंच चुकी है। इसके अलावा, वायुसेना के दो हेलीकॉप्टरों को भी तैयार रखा गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें तुरंत लोगों को बचाने के लिए भेजा जा सके।
घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने बांध के निचले क्षेत्र में बसे 18 गांवों को शुक्रवार को एहतियातन खाली कराके लोगों को सुरक्षित स्थानों पर राहत शिविरों में भेज दिया है।
धार जिले की धर्मपुरी तहसील में कारम मध्यम सिंचाई परियोजना के तहत निर्माणाधीन इस बांध में लबालब पानी भरा हुआ है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस बांध की निरंतर निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने रविवार सुबह मौके पर उपस्थित मंत्रियों से स्थिति की जानकारी ली।
इसके साथ ही राहत केंद्रों में रखे गये प्रभावित लोगों की समुचित व्यवस्थाओं को लेकर मुख्यमंत्री ने प्रशासन को निर्देश दिए हैं।
श्री चौहान ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से फोन पर चर्चा कर उन्हें निर्माणाधीन बांध से निकाले जा रहे पानी की यथास्थिति की विस्तृत जानकारी दी एवं शासन के विभिन्न प्रयासों से अवगत कराया।
धार ज़िले के कारम बांध की समस्या को लेकर मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि अभी 15 MCM पानी है, उसको कम करने को कोशिश कर रहे हैं। जब पानी 10-11 MCM पर आ जाएगा तब हम निश्चिंत हो जाएंगे। हम सफलता के नजदीक हैं।
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