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मुख्यमंत्री के गृह जिले में इकट्ठे हुए कांग्रेसी दिग्गज, किसान न्याय यात्रा में सरकार को घेरा

मध्यप्रदेश            Sep 12, 2025


मल्हार मीडिया ब्यूरो।  

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के गृह जिले उज्जैन में शुक्रवार को कांग्रेस किसान न्याय यात्रा निकाली गई। रैली के बाद जनसभा का आयोजन किया गया।

इसमें राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार सहित सभी वरिष्ठ नेता शामिल हुए।

किसानों की समस्याओं और महिला अपराध पर की बात

सभा में पार्टी वोट चोरी, सिंहस्थ के लिए किसानों की भूमि अधिग्रहण, भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाया गया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री का गृह जिला होने के बाद भी किसानों की समस्या सुनने कोई नहीं है। वे कर्ज, महंगाई और खाद संकट से जूझ रहे हैं। यह न्याय यात्रा भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों, किसानों की उपेक्षा, युवाओं की बेरोजगारी और महिलाओं की असुरक्षा के विरुद्ध है। जीतू ने कहा कि, किसानों को सरकार ने खाद की लाइन में लगा दिया है। उन पर पुलिस लाठियां बरसा रही है। सिंहस्थ के नाम पर किसानों की भूमि लेकर स्थायी निर्माण का रास्ता बनाया जा रहा है, जिसका विरोध हो रहा है। वोट चोरी की बात अब जगजाहिर हो चुकी है।

किसने क्या बोला?

उज्जैन महिदरपुर विधान सभा सीट से विधायक दिनेश जैन बोस भी प्रदेश की बीजेपी सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि, ‘आज हमें किसान न्याय आंदोलन की जरूरत क्यों पड़ी, क्योंकि जब मतदाता हमें वोट देता है, तब उसे ये पता नहीं होता कि वो पक्ष में बैठेगा या विपक्ष में। एमपी में आपने लोक सभा में 29 में से 29 सीट बीजेपी को दी। और यहां 2/3 बहुमत दिया। किसान चाहता था कि जिसको हम वोट दें वो उनके लिए बीमा की लड़ाई लड़े। वो विधानसभा लोकसभा के बाहर बीमा की, मुआवजे की, एमएसपी पर भाव और बिजली के लिए लड़ाई लड़े। लेकिन दोनों जगह इनकी सरकार बनने के बाद इनके नेता अहंकार में क्यों हैं? ये किसानों के साथ अन्याय  है।

 बीमा कंपनी को बताया चोर

 बीमा कंपनियों का उदाहरण देते हुए कहा, मुख्यमंत्री का गृह जिला है, मैं यहां का विधायक हुं, एक चोरी बीमी कंपनी जिसने पूरे उज्जैन जिले का बीमा किया। मैं नए आंकड़ों के साथ बताना चाहता हूं कि बीमा कंपनी को 47 हजार रुपए का प्रीमियम मिलेगा। किसान की चार बीघा जमीन एक हेक्टेयर पर फसल नष्ट होती है, तो किसान को कंपनी 47 हजार रुपए देगी। उसके लिए 2 फीसदी पैसा आपके पास से कटेगा, 4% राज्य सरकार और 4% केंद्र सरकार देगी। इस तरह 4700 रुपए आपको हर महीने बीमा कंपनी को देना पड़ता है।

 पांच साल के आंकड़ों का बताया हिसाब

 बोस ने आगे कहा कि, ‘लेकिन मैंने जब प्रधानमंत्री फसल बीमा पोर्टल से 5 साल के आंकड़े लिए, पांच साल में उज्जैन के 15 लाख 860 लोगों ने बीमा करवाया, उससे बीमा कंपनी को तीन हजार आठ सौ साठ करोड़ प्राप्त हुए, पांच साल में बीमा कंपनी ने केवल 955 करोड़ रुपए किसान को दिया। अगर ये 955 करोड़ रुपए कट कर दिया जाए, तो बीमा कंपनी को 2 हजार करोड़ का लाभ हुआ। ये आपको बीमा सेटेलाइट के माध्यम से देते हैं, न कि राजस्व के हिसाब से। मेरा आप सभी से आग्रह है कि यह सीएम का जिला है, हम महेश परमार के साथ मिलकर कंधे से कंधा मिलाकर नया संदेश देंगे कि हम किसी से कम नहीं हैं और हम सब मिलकर किसानों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ेंगे।’

 कांग्रेस अध्यक्ष ने जैसा कहा, करके दिखाया

 कांग्रेस नेता मुकेश भाटी (उज्जैन शहर कांग्रेस कमेटी) ने कहा कि, प्रदेश के मुख्यमंत्री जब उज्जैन में कृषि भूमि लैंड पुलिंग एक्ट का कानून लेकर आए, तो उससे लड़ाई लड़ने के लिए महेश परमार ने अग्रणीय भूमिका निभाई, वो सराहनीय है। एमपी की सरकार और पुलिस प्रशासन किसान भाइयों के साथ अत्यातचार और अन्याय कर रहा है तो, जीतू पटवारी ने चार दिन पहले ललकारा था कि आपकी विधानसभा में आपके शहर में हजारों किसान साथियों के बीच कूच करुंगा। और आज हम सब किसान साथी आपके साथ हैं। जय जवान जय किसान भारत माता की जय के नारे लगाए।

 ‘वोट चोरी के माध्यम से बन रही सरकारें, जनता का शोषण कर रही‘

 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सदस्य दिलीप सिंह गूर्जर ने मंच पर आते ही, वोट चोर गद्दी छोड़ नारा लगाना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि, ये नारा आज जनता के जहन में गूंज रहा है। भाजपा नेताओं के कानों में गूंज रहा है, कि वे राहुल गांधी पर अटैक कराने की सोच रहे हैं। ये नारा सिर्फ वोट चोरी की बात नहीं है, बल्कि हमारी विचारधारा की चोरी की बात है। आज न किसान खुश हैं, न व्यापारी। ये लोग बस वोट चोरी के माध्यम से सरकार बना रहे हैं और आमजन का शोषण कर रहे हैं।

 

एमएसपी और भूमि अधिग्रहण को बनाया मुद्दा

उन्होंने आगे कहा कि जीतू पटवारी ने 2700 रुपए क्विंटल की बात कही, लेकिन सरकार फसल पर कितनी एमएसपी दे रही है। लाड़ली बहना योजना की बात कमलनाथ ने की थी कि, 3000 रुपए कब, तो आज भी 1250 रुपए दिए जा रहे हैं। यही नहीं उन्होंने किसानों की भूमि अधिग्रहण के मामलों को भी तूल दिया और कहा कि आज किस तरह मध्यप्रदेश सरकार यहां किसानों की भूमि का अधिग्रहण कर रही है। किसानों से जोर-जबरदस्ती कर जमीन छीनने का प्रयास किया जा रहा है। किस तरह बीजेपी किसानों के साथ अन्याय कर रही है।

सर्वे तब करा रहे जब कांग्रेस का सम्मेलन हो रहा है

हमारी सोयाबीन की फसलें बर्बाद हो गई हैं। लेकि सर्वे अब किया जा रहा है, जब सरकार को पता चला कि यहां कांग्रेस का सम्मेलन होने जा रहा है, तो उन्होंने सर्वे करने टीम भेज दी। सर्वे तो पिछले साल भी हुआ था लेकिन आज तक न मुआवजा मिला है और न ही बीमा राशि मिली। ये पार्टी हमेशा से पूंजीपतियों की रही है। उनका कर्ज माफ करती है, लेकिन किसानों का कर्ज माफ नहीं होता। कांग्रेस ऐसा करती थी। जब तक अडानी है, तब तक किसानों का शोषण ऐसे ही होता रहेगा।

 


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