मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश की मोहन सरकार ने आज 5 नवंबर को मंत्रालय में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। बैठक में लिए गए निर्णयों के संबंध में एमपी के उप-मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने जानकारी देते हुए बताया कि अब मध्यप्रदेश के लोग 40 के बजाय 50 साल तक सरकारी मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर बन सकेंगे। यही नहीं, महिलाओं को एमपी सिविल सेवा में 33 फीसदी के बजाए 35 फीसदी तक आरक्षण दिया जाएगा।
उप-मुख्यमंत्री के अनुसार, कैबिनेट ने 254 नए नगद उर्वकर विक्रय केंद्रों को स्वीकृति मिल गई है। इससे किसानों को परेशानियों से निजात मिलेगी। उन्हें लंबी लाइनों ते झंझट से राहत मिलेगी। इसके साथ ही, सारणी में 830 मेगावाट की इकाइयों को डी कमीशन किया जाएगा। सरकार 660 मेगावाट का पॉवर प्लांट भी लगाएगी।
उप-मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने बताया कि, सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती सीमा को 40 साल से बढ़ाकर 50 साल कर दिया है। हालांकि, इसमें एमपी पैरामेडिकल काउंसिल के नियम यथावत रहेंगे। भारत सरकार के नियम आने के बाद उन्हें लागू किया जाएगा। इसके अलावा को-ओरपरेटिव विभाग में आईटी का इंटीग्रेशन होगा, इससे सोसायटियों को चलाने में मदद मिलेगी। एमपी सिविल सेवा में अब महिलाओं को 33 फीसदी से बढ़ाकर 35 फीसदी आरक्षण देने का फैसला लिया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश सिविल सेवा (महिलाओं की नियुक्ति के लिए विशेष उपबंध) नियम, 1997 में मुख्यमंत्री के आदेश दिनांक 13.09.2023 एवं इसके परिपालन में विभाग द्वारा जारी अधिसूचना 3 अक्टूबर, 2023 का अनुसमर्थन किया गया। इस निर्णय से महिला आरक्षण 35 प्रतिशत होगा।
254 नए उर्वरक विक्रय केंद्रो की स्थापना की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा वर्ष 2024-25 में (खरीफ एवं रबी सीजन में) 254 नए उर्वरक विक्रय केन्द्र स्थापित करने पर मानव संसाधन पर होने वाली संभावित व्यय की वास्तविक राशि अधिकतम 1 करोड़ 72 लाख रूपये की सीमा तक की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा किए जाने का निर्णय लिया गया।
मंत्रि-परिषद द्वारा म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी के विद्युत गृह क्रमांक 2 (410) मेगावाट) एवं विद्युत गृह क्रमांक 3 (420 मेगावाट) में स्थापित इकाइयों को रिटायर (डी-कमीशन) किये जाने का निर्णय लिया गया। उल्लेखनीय है कि म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी के विद्युत गृह क्रमांक 2 में स्थित इकाई क्रमांक 6 एवं 7 (200 + 210 मेगावॉट) एवं विद्युत गृह क्रमांक 3 में स्थित इकाई क्रमांक 8 एवं 9 (2X210 मेगावॉट) द्वारा रूपांकित आयु पूर्ण कर ली गई हैं। ये इकाइयों लगभग 39 से 44 वर्षों से संचालन में हैं। इन इकाइयों की स्थिति एवं प्रदर्शन के दृष्टिगत म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा इन इकाइयों को रिटायर (डी-कमीशन) किये जाने की चाही गई अनुमति मंत्रि-परिषद ने प्रदान की है।
निर्णय अनुसार सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी के विद्युत गृह क्रमांक 2 एवं 3 में स्थित इकाई क्रमांक 6 से 9 (कुल क्षमता 830 मेगावॉट) को 30 सितम्बर, 2024 से रिटायर (डी-कमीशन) किये जाने की अनुमति प्रदान की गई। रिटायर (डी-कमीशन) इकाइयों का डिस्पोजल ई-ऑक्शन के माध्यम से किया जायेगा। इन इकाईयों के स्थान पर 660 मेगावॉट क्षमता की नवीन अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल इकाई (इकाई क्रमांक 13) की स्थापना के लिए म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा फिजिबिलिटी स्टडी करायी जायेगी।
आयु-सीमा में वृद्धि का निर्णय
मंत्रि-परिषद द्वारा नवीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में चिकित्सा शिक्षकों की कमी को दृष्टिगत रखते हुए सहायक प्राध्यापक के रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष से बढ़ाकर 50 वर्ष करने की स्वीकृति प्रदान की गई है।
सह चिकित्सीय पाठ्क्रमों की मान्यता
म.प्र. सह चिकित्सीय परिषद अधिनियम, 2000 को निरस्त करने की कार्यवाही को लंबित रखते हुए शैक्षणिक सत्र 2023-24 एवं आगामी सत्रों की मान्यता प्रक्रिया, साथ ही सह-चिकित्सीय पाठ्यक्रम उत्तीर्ण कर्मियों के पंजीयन एवं सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों की परीक्षाओं का आयोजन पूर्व में प्रचलित म.प्र. सह चिकित्सीय परिषद अधिनियम, 2000 अंतर्गत् प्रचलित नियमों के अनुसार, पूर्व में विघटित मध्यप्रदेश सह चिकित्सीय परिषद को पुनर्जीवित करते हुए, पूर्ण किये जाने तथा राष्ट्रीय आयोग द्वारा अधिनियम अंतर्गत प्रावधानित विनियम (रेगुलेशन) जारी होने के उपरांत विनियम के अनुरुप मध्यप्रदेश अलाइड एण्ड हेल्थ केयर कौंसिल द्वारा स्वशासी बोर्ड्स के गठन होने पर पुनर्जीवित मध्यप्रदेश सह चिकित्सीय परिषद स्वतः समाप्त हो जायेगी एवं मंत्रि-परिषद् के पूर्व में लिये गये निर्णय अनुसार मध्यप्रदेश सह चिकित्सीय परिषद अधिनियम 2000 को निरस्त करने की कार्यवाही की जाने की स्वीकृति मंत्रि-परिषद द्वारा दी गई।
7 दिसंबर को नर्मदापुरम में होगी रीजनल इन्वेस्टर समिट
शुक्ल ने आगे बताया कि रीवा समिट सफल रही। इसमें 31 हजार करोड़ के प्रस्ताव मिले। इससे 28 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। प्रदेश में गौवर्धन पूजा का आयोजन धूमधाम से किया गया। इसके अलावा सीएम मोहन यादव ने कई विभागों से भर्ती प्रक्रिया की जनाकारी भी मांगी है। 7 दिसंबर को नर्मदापुरम में रीजनल इन्वेस्टर समिट होगी। इसकी तैयारी के निर्देश दे दिए गए हैं। यही नहीं आगामी 12 नवंबर को उज्जैन में भव्य कालिदास समारोह होगा। आयोजन में उपराष्ट्रपति शामिल होंगे।
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