मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के हरदा जिले में राजपूत छात्रावास में हुए लाठीचार्ज मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सख्त रुख अपनाते हुए प्रशासनिक कार्रवाई की है।
मुख्यमंत्री ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP), उपजिला दंडाधिकारी (SDM) और एसडीओपी (SDOP) को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए हैं। वहीं, कोतवाली थाना प्रभारी और ट्रैफिक थाना प्रभारी को नर्मदापुरम IG कार्यालय में अटैच कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर इस कार्रवाई की जानकारी साझा करते हुए लिखा, “हरदा जिले में 13 जुलाई को राजपूत छात्रावास में घटित प्रकरण की जांच के उपरांत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, एसडीएम एवं एसडीओपी को तत्काल प्रभाव से हरदा जिले से हटाया गया है।
थाना प्रभारी, कोतवाली एवं थाना प्रभारी (ट्रैफिक) को नर्मदापुरम् आईजी कार्यालय में अटैच किया गया है। समाज के छात्रावास में अनुचित बल प्रयोग एवं स्थिति को संवेदनशील रूप से निराकरण करने में की गई लापरवाही को लेकर यह एक्शन लिया गया है।”
प्राप्त जानकारी के अनुसार इंदौर के एक व्यापारी द्वारा हीरा बेचने के नाम पर की गई धोखाधड़ी के मामले में पुलिस द्वारा आरोपित को संरक्षण देने के विरोध में करणी सेना ने हरदा शहर के खंडवा बायपास पर धरना प्रदर्शन किया था।
यह विरोध प्रदर्शन करीब 16 घंटे तक चला। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए वाटर कैनन, आंसू गैस और अंततः लाठीचार्ज का सहारा लिया। हालात इतने बिगड़े कि पुलिस ने राजपूत छात्रावास के भीतर भी प्रवेश कर लाठीचार्ज किया, जिससे पूरे प्रदेश में आक्रोश फैल गया।
करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर सहित करीब 60 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस पूरी घटना के बाद राज्य सरकार पर विपक्ष ने भी सवाल खड़े किए थे।
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