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पीआरओ पूजा थापक के पिता ने मांगी बच्चे की कस्टडी

मध्यप्रदेश            Aug 15, 2024


 मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में जनसंपर्क विभाग की असिस्टेंट डायरेक्टर और पंचायत, ग्रामीण विकास विभाग की पीआरओ पूजा थापक के पिता नाती की कस्टडी चाहते हैं। उन्होंने कहा, 'बेटी का बेटा कहां और कैसा है, कुछ नहीं पता। हम उसे अपने साथ रखना चाहते हैं।'

पूजा ने 9 जुलाई को घर में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। गोविंदपुरा पुलिस ने 16 जुलाई को आरोपी पति निखिल दुबे और सास आशा दुबे के खिलाफ केस दर्ज किया था।

4 अगस्त को निखिल को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। वह अपने दोस्त के घर छिपा था। उसे 5 अगस्त को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।

निखिल की मां आशा अब भी फरार हैं। पुलिस की टीम उनकी तलाश कर रही है। इस बीच दैनिक भास्कर ने पूजा के पिता जीएन थापक से बात की...

पूजा के पिता जीएन थापक ने बताया, 'डेढ़ वर्ष के नाती की कस्टडी के लिए लीगल आवेदन दिया है। बच्चे से एक महीने से कोई संपर्क नहीं हुआ है। पूजा के ससुर की भूमिका भी संदिग्ध है। पूजा से विवाद करने पर वह अपने बेटे निखिल और पत्नी आशा को नहीं रोकते थे। बेटी के सुसाइड के बाद से ही ससुर भी अंडरग्राउंड हैं।

पूजा का बेटा उन्हीं के साथ है। जन्म के बाद एक साल तक हमारे पास रहा है। बेटी का ट्रांसफर इंदौर हुआ, तब उसे साथ ले गई। भोपाल आई तो बच्चे को ससुराल ले आई। हमें नहीं पता था कि बेटी के साथ इतना अत्याचार हो रहा है। उसकी मौत के बाद उसकी आखिरी निशानी बच्चा ही है।

उम्मीद है कि जल्द आशा की गिरफ्तारी होगी, तब नाती का पता लग पाएगा। हम उसे साथ रखना चाहते हैं। मेरा पूरा परिवार उस पर मरता है। मेरे बेटे प्रखर से बच्चे का बेहद लगाव है। बहन की मौत और भांजे के लापता होने के बाद से प्रखर की मानसिक हालत ठीक नहीं है। वह अंदर से टूट चुका है।

हम पागलों की तरह बच्चे को तलाश रहे हैं। कई दिन भोपाल में भी रहे, लेकिन बच्चा नहीं मिला। हम बच्चे की कस्टडी चाहते हैं। पुलिस ने लीगल प्रक्रिया के तहत बच्चे को हमें दिलाने का आश्वासन

गिरफ्तारी के बाद पुलिस पूछताछ में निखिल ने बताया कि पत्नी की मौत की पुष्टि के बाद ही वह भोपाल छोड़ चुका था। उसे आभास हो चुका था कि पूजा के मायके वाले उसके खिलाफ केस दर्ज कराएंगे। फरारी के दौरान वह दिल्ली के अलग-अलग होटलों में रहा।

गिरफ्तारी से पहले दो दिन तक वह नई दिल्ली में रहने वाले अपने दोस्त के घर छिपा था। उसने दोस्त को केस के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी। जहां निखिल मिला, उस फ्लैट की तलाशी भोपाल पुलिस की टीम ने ली थी। वहां उसकी मां आशा नहीं मिलीं। उनकी तलाश में दो टीमें जुटी हैं।

 निखिल की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस उसकी मां आशा के नाम की संपत्तियों का ब्योरा तैयार कर रही है। 28 अगस्त तक आशा की गिरफ्तारी नहीं होने की हालत में कोर्ट उनके नाम की संपत्तियों को कुर्क करने के आदेश दे सकता है।

दरअसल, गोविंदपुरा पुलिस ने 28 जुलाई को कोर्ट में फरारी पंचनामा पेश किया था। आरोपी मां-बेटे की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट ने वारंट जारी कर 30 दिन का समय दिया था। 30 दिन में गिरफ्तारी नहीं होने पर संपत्ति कुर्की के आदेश कोर्ट की ओर से जारी किए जाते हैं। आरोपियों के घर और करीबी रिश्तेदारों के घर के बाहर नोटिस चस्पा किए जाने के आदेश जारी होते हैं।

9 जुलाई को फांसी लगाने से पहले पूजा ने अपनी मां को कॉल कर कहा था, 'मां, फिर से लड़ाई-झगड़े होने लगे हैं। अब मुझसे बर्दाश्त नहीं होता। मैं मर रही हूं।' फोन कट होते ही पूजा की मां घबरा गईं। उन्होंने दामाद निखिल दुबे को घटना की जानकारी दी। निखिल बेडरूम में पहुंचा तो दरवाजा अंदर से बंद था।

पूजा के मायके वालों ने पुलिस को दिए बयान में बताया है कि निखिल अरेरा हिल्स स्थित सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग में सहायक संचालक है। शादी के समय 40-45 लाख रुपए खर्च किए थे।

बेटी के पति और सास की मांग पर इंदौर में एक फ्लैट भी दिलाया था। उन्होंने नकद साढ़े सात लाख रुपए भी ले लिए थे। इसके बाद भी भोपाल में एक बड़ा और महंगा प्लॉट दिलाने की मांग कर रहे थे। विवाद बढ़ने पर एक बार पति-पत्नी की काउंसिलिंग भी कराई जा चुकी थी।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल की जनसंपर्क अधिकारी पूजा थापक ने सुसाइड कर लिया। पूजा जनसंपर्क विभाग में असिस्टेंट डायरेक्टर थीं। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एम्स) भेजा। पूजा ने सुसाइड से पहले अपनी मां को कॉल करके कहा था- मैं मर रही हूं।

 


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