मल्हार मीडिया ब्यूरो।
इंदौर की हुकुमचंद मिल, उज्जैन की विनोद मिल की तर्ज पर जल्द ही ग्वालियर की जेसी मिल के श्रमिकों और प्रदेश की अन्य बंद मिलों की देनदारियों के भुगतान की कार्यवाही की जायेगी। 30-40 साल से बंद पड़ी ग्वालियर की जेसी मिल के मजदूरों के प्रकरणों में 8 हजार से ज्यादा मजदूरों को उचित न्याय दिलाया जायेगा।
यह एलान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आज ग्वालियर में किया। वे आज सोमवार 11 नवंबर को ग्वालियर की जेसी मिल का जायजा लेने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने जेसी मिल परिसर का भ्रमण किया, साथ ही नक्शे के माध्यम से जेसी मिल की जमीन और अन्य परिसम्पत्तियों की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने जेसी मिल श्रमिकों के हितों की रक्षा की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा सरकार मुकदमा नहीं समाधान चाहती है। इसी भावना के साथ सरकार न्यायालय में श्रमिकों के हित मे अपना पक्ष रखेगी, जिससे श्रमिकों की देनदारियों के भुगतान का रास्ता साफ हो सके। उन्होंने कहा कि जेसी मिल श्रमिकों के स्वत्वों के भुगतान के सिलसिले में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। मिल की जमीन और परिसम्पत्तियों के सर्वे का काम कर लिया गया है।
डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिये रीजनल कॉन्क्लेव की श्रृंखला चलाई जा रही है। उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, सागर और रीवा में रीजनल इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित हो चुकी हैं। इसी कड़ी में 7 दिसम्बर को नर्मदापुरम संभाग एवं जनवरी माह में शहडोल में रीजनल कॉन्क्लेव का आयोजन होने जा रहा है। उन्होंने कहा संभाग स्तर पर रीजनल कॉन्क्लेव की श्रृंखला पूरी होने के बाद फरवरी माह में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन होगा। प्रदेश में औद्योगिक निवेश के लिये विश्व भर के उद्यमियों को आमंत्रित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस कड़ी में वे जल्द ही जर्मनी व ब्रिटेन के दौरे पर निवेशकों को आमंत्रित करने के लिये जायेंगे। उन्होंने कहा इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव जैसे आयोजन से प्रदेश में उद्योग फ्रेंडली माहौल बना है, जिससे वृहद स्तर पर औद्योगिक निवेश हो रहा है। इससे प्रदेश के युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर मिल रहे हैं।
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