अमेरिकी यूनिवर्सिटी के छात्र गांधी मेडिकल कॉलेज के साथ करेंगे टीबी पर रिसर्च

मध्यप्रदेश            Jun 20, 2023


मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने मंगलवार को मंत्रालय में अमेरिका की सुप्रसिद्ध ऐमरी यूनिवर्सिटी से गांधी मेडिकल कॉलेज में अध्ययन के लिये आये विद्यार्थियों के साथ चर्चा की।

यह विद्यार्थी भोपाल जीएमसी के चिकित्सा विद्यार्थियों एवं चिकित्सकों के साथ मिल कर गर्भवती महिलाओं में टीबी के विषय पर शोध करेंगे।

मंत्री श्री सारंग ने बताया कि चिकित्सा शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश द्वारा चिकित्सा विद्यार्थियों को उत्कृष्ट स्तर की  शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से “मेडिकल नॉलेज शेयरिंग मिशन” के तत्वावधान में गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल एवं अमेरिका की ऐमरी यूनिवर्सिटी में बीच चिकित्सीय ज्ञान के आदान-प्रदान के लिये एमओयू किया गया है।

इसके तहत ऐमरी यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी भोपाल के गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के विद्यार्थियों के साथ मिल कर एक माह तक गर्भवती महिलाओं में टीबी की स्क्रीनिंग को लेकर बेस लाइन डेटा कलेक्शन एवं डेटा एनालिसिस कर पीडीएसए (प्लान डू स्टडी एक्ट) टूल्स पर काम करेंगे। उन्होंने बताया कि इससे प्रदेश ही नहीं, बल्कि देशभर के टीबी मरीजों के सटीक इलाज में मदद मिलेगी।

15 लोगों की संयुक्त टीम करेगी शोध

मंत्री श्री सारंग ने बताया कि गर्भवती महिलाओं में टीबी की समस्या का असर शिशु पर पड़ने की भी संभावना रहती है, जिसके लिये सही समय पर टीबी की जाँच किया जाना बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि ऐमरी यूनिवर्सिटी से मास्टर्स इन पब्लिक हेल्थ के 4 विद्यार्थियों और गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के स्त्री रोग एवं सामुदायिक चिकित्सा विभाग के 6 विद्यार्थियों के साथ अमेरिका एवं गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के चिकित्सकों को मिला कर कुल 15 लोगों की टीम बनाई गई है, जो सीईटीआई (कॉलेबरेशन फॉर टीबी इन इंडिया) एवं मेडिकल नॉलेज शेयरिंग मिशन म.प्र. के साथ मिल कर रिपोर्ट तैयार करेगी।

टीबी रोगियों के बेहतर एवं सटीक उपचार के लिये कार्य-योजना होगी तैयार

मंत्री श्री सारंग ने बताया कि ऐमरी यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू से मध्यप्रदेश के मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे चिकित्सा विद्यार्थियों को विश्व स्तर पर चिकित्सा के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचार, शैक्षणिक प्रगति एवं शोध के क्षेत्र के विभिन्न आयामों के अध्ययन का अवसर मिल सकेगा।

 चिकित्सा शिक्षा एवं शोध के क्षेत्र में विभिन्न चिकित्सा संस्थानों के साथ चिकित्सीय ज्ञान के आदान-प्रदान के लिये नॉलेज शेयरिंग मिशन की स्थापना की गई हैं। उन्होंने कहा कि इस एमओयू के माध्यम से ऐमरी यूनिवर्सिटी के साथ टीबी शोध, उपचार एवं नवीन तकनीकों का आदान-प्रदान किया जायेगा। इससे टीबी रोगियों के बेहतर एवं सटीक उपचार के लिये कार्य-योजना तैयार की जायेगी।

 



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