Breaking News

अध्यात्म और पत्रकारिता का संगम पत्रकार शैलेष का श्री हनुमान चालीसा रहस्य

मीडिया            Mar 01, 2016


मल्हार मीडिया। पत्रकारिता के साथ जब अध्यात्म और धर्म जुड़ जाये तो वह समाजोपयोगी कार्य बन जाता है। ऐसा ही कुछ किया है मध्यप्रदेश के सीहोर के वरिष्ठ पत्रकार शैलेष तिवारी ने। उन्होंने एक समाजोपयोगी उद्देश्य को लेकर हनुमान चालीसा रहस्य पुस्तक की रचना कर डाली। पुस्तक की भूमिका में ही इस बात का जिक्र है कि यदि मंत्रों का अर्थ भी पता चल जाये तो उनका प्रभाव ज्यादा अच्छा होता है। इसीलिए पत्रकार शैलेष ने हनुमान चालीसा की एक—एक चौपाई का भावार्थ उसके पीछे की घटनाओं के साथ इस पुस्तक में वर्णित किया है। श्री शैलेष के अनुसार इस पुस्तक को लिखने की प्रेरणा उन्हें 17 साल पहले मिली थी तब से यह कल्पनाओं में थी और अब साकार रूप ले सकी। शिवना प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक के विमोचन को लेकर श्री तिवारी इस उहापोह में थे कि आखिर इसके लिए उपयुक्त व्यक्ति होगा कौन। सो आखिर में उन्होंने इस कार्य के लिए अपने प्राईमरी और मिडिल के शिक्षक क्रमश:श्री ताराचंद राठौर प्रो. भागचंद जैन को चुना। अन्य अतिथियों में महंत उद्धवदास, श्री जयकुमार शुक्ला, मल्हार मीडिया की संस्थापक संपादक ममता यादव तथा वसंत दासवानी उपस्थित थे। shri-hanuman-chalisa-rahsya स्थानीय ब्लूबर्ड स्कूल में आयोजित इस विमोचन समारोह में पुस्तक लेखक शैलेष तिवारी ने अपने अनुभवों को भी श्रोताओं के साथ साझा किया। तत्पश्चात अतिथियों ने श्री हनुमान चालीसा रहस्य का विमोचन किया। इस अवसर पर विशेष अतिथी के रूप में मौजूद श्री वसंत दासवानी ने कहा कि इस प्रकार की पुस्तकों का लिखा जाना बहुत आवश्यक है जो सरल भाषा तथा शैली में नई पीढ़ी को हमारे धर्मग्रंथों के बारे में जानकारी प्रदान करें। उन्होंने लेखक शैलेश तिवारी को इसके लिये साधुवाद दिया। मल्हार मीडिया की संस्थापक संपादक ममता यादव ने कहा कि पत्रकारिता और लेखन एक दूसरे के पूरक होते हैं, जो पत्रकार है वह लेखक भी है, और इसी का प्रमाण है यह पुस्तक जो आज प्रकाशित हुई है। इस अवसर पर श्री जयकुमार शुक्ला ने सीहोर में साहित्य की गतिविधियों की सराहना करते हुए कहा कि किसी भी शहर की चेतना को जगाए रखने के लिये इस प्रकार के आयोजन और इस प्रकार के लेखन की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। महंत श्री उद्धवदास ने कहा कि भगवान हनुमान के बारे में नई पीढ़ी को बताना आज का सबसे बड़ा कार्य है और इस कार्य को सीहोर के लेखक ने पूरा करने का बीड़ा उठाया यह बहुत बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि यह ग्रंथ युवाओं को भगवान हनुमान के अद्भुत चरित्र के बारे में सरल भाषा में बताएगा। pustaak-vimochan-shri-hanuman-chlisa श्री हरिप्रसाद तिवारी ने इस अवसर पर कहा कि हनुमान चालीसा एक ऐसा काव्य है जो अजर अमर है तथा इस काव्य की विवेचना करना और उसे जन जन तक पहुँचाना आज के समय की सबसे बड़ी ज़रूरत है। कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो. भागचंद्र जैन ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि लेखक वही होता है जो समय और समाज दोनों पर नज़र रखे तथा इस अनुरूप अपना लेखन करे। जब भी जिस प्रकार के साहित्य की आवश्यकता हो समाज को दिशा दिखाने के लिये उसी प्रकार से अपनी कलम को चलाए। उन्होंने शिवना प्रकाशन को भी साधुवाद दिया कि इस प्रकार का मार्गदर्शी साहित्य उनके द्वारा प्रकाशित किया जा रहा है। कार्यक्रम का संचालन कवि लेखक पंकज सुबीर ने किया। पत्रकार प्रदीप चौहान ने आभार वक्तव्य देते हुए कहा कि शिक्षा से बड़ा कोई कार्य नहीं है और इस प्रकार के ग्रंथ समाज को शिक्षित करने का कार्य करते हैं। श्री चौहान ने उपस्थित सभी लोगों का आभार व्यक्त किया। इससे पूर्व अतिथियों का स्वागत सर्वश्री ओमदीप, कमल विजयवर्गीय, रघुवरदयाल गोहिया, पंडित गणेश शर्मा, कमलेश कटारे, हरि सोनी, राजेश खंडेलवाल, हरि पालीवाल, आफाक बहादुर, जयंत शाह, ए आर शेख मुंशी, संतोष जैन, योगेश उपाध्याय, अनिल सक्सेना, शैलेन्द्र पहलवान, मोहन चौरसिया आदि ने किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन उपस्थित थे।


इस खबर को शेयर करें


Comments