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अपने गिरेबान में भी तो झांकें काली कमाई पर बहस कराने वाले

मीडिया            Aug 16, 2015


कुमार सौवीर बेशर्मी की सारी सीमाएं, बांध और सीढियां तोड़ रही है मीडिया, अब तो यकीन तक नहीं आता है। इस वक्‍त जी-न्‍यूज के विभिन्‍न चैनलों पर यह खबर चल रही है कि किसी इंजीनियर के पास से 24 करोड़ की सम्‍पत्ति बरामद हुई है। इसी खबर पर अब यह जी-न्‍यूज समूह बहस चला रहा है कि आखिर कैसे रोका जा सकता है काली कमाई का गन्‍दा धंधा। अब इस खबर का दूसरा पहलू देख लीजिए। सतीश चौधरी हैं जी-न्‍यूज समूह के मालिक। उन्‍होंने अपने दो विज्ञापन अधिशासी सह पत्रकारों को एक सांसद से एक अरब यानी एक सौ करोड की उगाही का जिम्‍मा दिया था। जी हां, एक सौ करोड़। यह रकम विज्ञापन के लिए नाम पर नहीं, बल्कि सिर्फ जबरिया रंगबाजी के तौर पर उगाही जानी थी। यह साहसी था कांग्रेस का सांसद नवीन जिन्‍दल, जो देश का एक बड़ा उद्योगपति भी है। यह रकम वसूलने के लिए यह दोनों पत्रकार-नुमा विज्ञापन अधिशासी लोग जब उस सांसद के पास पहुंचेे तो उस उद्योगपति सांसद ने उस बातचीत को वीडियो-ऑडियो पर न सिर्फ रिकार्ड ही कर लिया, बल्कि उसे सार्वजनिक भी कर दिया। मचा हल्‍ला। चौधरी तो अपनी धोती छोड़ कर भाग गये, लेकिन उनके जी-न्‍यूज के दोनों पत्रकार जेल पहुंच गये। बाद में चौधरी ने अपनी गंडई का विस्‍तार दिया और अपने चैनल-समूह का इस्‍तेमाल करते हुए नवीन जिन्‍दल के सारे चुनाव कार्यक्रम को मिटियामेट कर दिया। लेकिन खबरदार, एक भी चैनल या मीडिया समूह ने जी-न्‍यूज की इस कुत्सित-घटिया करतूतों पर उंगली तक नहीं उठायी। उठाते भी तो कैसे, सब के सब ने तो इस गटर-गंगा में बेहिसाब रकम चुनाव-विज्ञापन के नाम पर उगाहा ही था। कुमार सौवीर के फेसबुक वॉल से


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