मल्हार मीडिया डेस्क
भारतीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) कंडोम के विज्ञापनों को दिन में दिखाए जाने पर रोक लगाने और इन्हें रात 11 बजे से सुबह पांच बजे के स्लॉट (adult viewing slot) में ही दिखाए जाने पर विचार कर रहा है।
माना जा रहा है कि मंत्रालय ने यह कदम इस तरह के विज्ञापनों के खिलाफ आ रही शिकायतों की बाढ़ के मद्देनजर उठाया है। इन शिकायतों में कहा गया है कि इस तरह के विज्ञापनों का बच्चों पर बुरा असर पड़ रहा है और यह देश में बच्चों में सेक्स की प्रवृत्ति को बढ़ावा दे रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, इन शिकायतों में कंडोम के विज्ञापनों पर पूरी तरह रोक लगाने की मांग की गई थी लेकिन चूंकि इन पर पूरी तरह प्रतिबंध संभव नहीं है इसलिए मंत्रालय ने इन विज्ञापनों के समय में बदलाव का आइडिया निकाला है और इस बारे में विचार किया जा रहा है।
अब यदि एमआईबी विज्ञापनों पर रोक लगाने का निर्णय करती है तो इस बारे में सभी टीवी चैनलों को नए पत्र भेजकर नए नियमों से अवगत कराया जाएगा और उन्हें कंडोम के विज्ञापनों को देर रात्रि ही प्रसारित करने को कहा जाएगा।
ब्रॉडकास्ट रेगुलेशन के अनुसार भारतीय टेलिविजन कंटेंट को जनरल (G) और रिस्ट्रिक्टिड (R) में वर्गीकृत किया गया है। इसके तहत जनरल कंटेंट सभी आयुवर्ग के दर्शक देख सकते हैं जबकि रिस्ट्रिक्डि कंटेंट को सिर्फ युवा दर्शकों के लिए ही दिखाया जा सकता है और इसका प्रसारण सिर्फ रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक किया जा सकता है।
आरोप है कि पहले कंडोम के विज्ञापनों को परिवार नियोजन के साधन के रूप में दर्शाया जाता था लेकिन अब यह अश्लीलता व सेक्स को बढ़ावा दे रहे हैं। पिछले महीने इसको लेकर उस समय बवाल हो गया था जब सीपीआई नेता अतुल कुमार अंजान ने एक जनसभा में कहा था, ‘सनी लियोनी द्वारा किए जा रहे कंडोम के विज्ञापन से एड्स पर तो रोक नहीं लग रही है लेकिन इससे दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रही हैं।’ उन्होंने कंडोम के विज्ञापनों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की थी।
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