कुमार सौवीर
यह आपके अध्यक्ष महोदय हैं। उप्र मान्यता प्राप्त पत्रकार हैं, समिति के ठेकेदार हैं और पुलिस में उनकी दलाली बेहिसाब है। इसलिए जितना भी कुकर्म कर सकते हैं, कर लेते हैं। नाम हैं हेमन्त तिवारी। फिलहाल तो उनके चेहरे पर कुकर्म एक नया काला धब्बा जुड़ गया है। ताजा खबर है कि छत्तीसगढ़ के रायपुर में जैन समुदाय की निरंजनी धर्मशाला ने हेमन्त तिवारी और सिद्धार्थ कलहंस आदि अराजक पत्रकारों की करतूत पर खफा होकर 50 हजार रूपयों का जुर्माना लगा दिया है। शर्मनाक बात तो यह है कि यह जुर्माना हेमन्त तिवारी और सिद्धार्थ आदि पत्रकारों पर नहीं, बल्कि सीधे-सीधे छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ पर लगाया गया है। इन पत्रकारों पर आरोप है कि उन्होंने जैन समुदाय के पर्यूषण अवसर पर जैन समुदाय की निरंजनी धर्मशाला के चार कक्षों में जमकर मदिरा और मांसाहार किया।
हालांकि आज दोपहर हेमन्त तिवारी और सिद्धार्थ कलहंस ने छत्तीसगढ़ के दौरे पर गये आईएफडब्लूजे यानी श्रमजीवी पत्रकार संगठन के प्रतिनिधि मंडल से क्षमा-याचना की है। लेकिन खबर है कि यह प्रतिनिधि मंडल इस माफी की याचना को मंजूर करने से साफ मना कर दिया है। सूत्र बताते हैं कि इस यात्रा से लौटने के बाद आईएफडब्लूजे हेमंत और कलहंस पर कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई कर सकता है। हेमन्त और सिद्धार्थ की इस हरकत को लेकर लखनऊ के पत्रकारों में भी खासी नाराजगी का माहौल है।
आपको बता दें कि लगातार अपनी गुण्डागर्दी और अराजकता हरकतों के चलते यह दोनों जोड़ीदार लगातार चर्चाओं में बने रहते हैं। कभी लखनऊ में शराब में धुत्त होकर हेमन्त कभी एक थानाध्यक्ष की सरेआम पिटाई कर देता है तो कभी किसी चौराहे पर आम आदमी को पीट देते हैं। चंद अफसरों और पुलिसवालों के चहेते दलाली की दलाली राजनीति के गलियारों में भी खासी चर्चित हो चुकी है।
रायपुर से मिली खबरों के मुताबिक आईएफडब्ल्यूजे यानी श्रमजीवी पत्रकार संघ के अधिवेशन में यहां आये हेमन्त तिवारी तिवारी और कलहंस आदि अनेक पत्रकारों ने शराब के नशे मे जमकर बवाल किया और महिलाओं के सामने नंगा-नाच किया। इस दौरान कई महिलाएं भी घटनास्थल पर मौजूद थीं। ज्ञातव्य है कि हेमन्त तिवारी श्रमजीवी पत्रकार संघ के सचिव हैं। हैरत की बात तो यह है कि इस घटना के वक्त आईएफडब्ल्यूजे के अध्यक्ष के विक्रमराव भी मौजूद थे। इतना ही नहीं, इन लोगों ने श्री राव के साथ भी बेहद बेहूदगी की।
आईएफडब्लूजे के रायपुर में हो रहे अधिवेशन मे हेमन्त तिवारी और सिद्धार्थ कलहंस ने रायपुर के पास परसगांव के विश्राम गृह में जम कर दारू पी और उत्पात मचाया। वहाँ रात्रि भोजन के लिये रुके आईएफडब्लूजे अध्यक्ष के विक्रम राव महासचिव परमानन्द पांडे एवं उनकी पत्नी, यूपी यूनियन के अध्यक्ष हसीब सिद्दीक़ी एवं उनकी पत्नी उड़ीसा के उपेन्द्र पादी एवं उनकी पत्नी बिहार के देबाशीष बोस ने जब इसका विरोध किया तो उन सभी के साथ अभद्रता की। नशे मे धुत हेमन्त को जब विश्वदेव राव (के विक्रम राव का पुत्र एव लखनऊ मे कार्यरत पत्रकार ) ने समझाने की कोशिश की तो वह उस से गाली गलौज पर उतर आया और धमकी देने लगा की उसको जेल मे बन्द करवा देगा। हेमंत ने गालियां देते हुए कहा कि यूपी में राव की नहीं, हेमंत तिवारी का राज चलता है और यूपी सरकार मेरे इशारे पर चलती है। नशे में धुत्त हेमन्त ने कहा की छत्तीसगढ़ के न्यायाधीश और केन्द्रीय मन्त्री राजनाथ सिंह से उसके बहुत निकट सम्बन्ध है।
घटना के साक्षी रहे सूत्रों ने बताया कि हेमन्त ने देबाशीष बोस के साथ भी बेहद बदतमीजी की, जोअपने कैंसर की बीमारी के बावजूद इस अधिवेशन में शामिल होने आये थे। बता दें कि श्री बोस इस समय चौथे दौर के कैंसर से पीडि़त हैं। बताते हैं कि इस घटना को लेकर छत्तीसगढ़ के पत्रकारों में खासा रोष है। उन लोगों ने तो यहां तक फैसला कर दिया था कि हेमन्त तिवारी और सिद्धार्थ कलहंस को पहले जम कर पीट दिया जाए और फिर पुलिस को खबर देकर हेमन्त और कलहंस को हवालात की हवा खिला दी जाए। लेकिन कई पत्रकार नेताओं ने इस आग्रह का विरोध किया कि पुलिस मे मामला जाने से संगठन की बहुत बदनामी होगी। इस बात पर यह तय हुआ की बस्तर पहुँच कर हेमन्त पर संगठन की कार्यकारिणी उन पर कार्यवाही करेगी और उसे तत्काल प्रभाव से निलम्बित करेगी। लखनऊ में भी इस बात से हड़कम्प मच गया है। मुख्यमन्त्री और शिवपाल तक इस बात की ख़बर पहुँच चुकी है।
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