आईएस से बढते खतरे से भारत सरकार चिंतित,सोशल मीडिया पर रखी जायेगी नजर

मीडिया            Aug 02, 2015


मल्हार मीडिया ब्यूरो इराक के आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के भारत में बढ़ते खतरे से चिंतित केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया पर नजर रखने, युवाओं को आईएस से प्रभावित होने से रोकने में विभिन्न समुदायों के बुजुर्गों की मदद लेने और सूचना को तुरंत शेयर करने जैसे तरीके अपनाने की योजना बनाई है। हाल में अमेरिकी अखबार 'यूएसए टुडे' के हवाले से खबर आई थी कि आईएस भारत पर बड़ा हमला करने की तैयारी में है। देश के कई हिस्सों से आईएस से जुड़ी किताबें भी मिली हैं। आईएस ने लीबिया में 4 भारतीयों को भी बंदी बनाया था। इसके मद्देनजर शनिवार को गृह सचिव एल. सी. गोयल की अध्यक्षता में तमाम खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों और 12 राज्यों के डीजपी की मीटिंग हुई। इस दौरान यह चिंता सामने आई कि आईएस सोशल मीडिया के जरिए देश में अपने आतंक का नेटवर्क चलाने की कोशिश कर रहा है। इससे निपटने के लिए ऐसी गतिविधियों पर लगातार नजर रखने और किसी भी संदिग्ध सूचना पर कार्रवाई करने की विस्तार से योजना बनी। सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग में बताया गया कि आईएस की गतिविधियां सबसे ज्यादा जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र और तेलंगाना में हैं। गोयल ने इन राज्यों के अधिकारियों को अलर्ट करते हुए पुलिसकर्मियों को स्पेशल ट्रेनिंग देने को कहा। यह भी पता चला है कि देश में करीब 25 युवा आईएस जॉइन करने की तैयारी कर चुके हैं। कई युवाओं पर नजर रखी जा रही है।


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