इंदौर मल्हार मीडिया
कल इंदौर में हुये आग हादसे का कवरेज करने गये पत्रकारों की पिटाई कर दी गई। यह तस्वीरें कई चैनल्स पर लाईव चलाई गईं। हैरानी की बात ये रही कि पत्रकारों की पिटाई पुलिस की मौजूदगी में ही हो रही थी लेकिन पुलिस ने पत्रकारों को बचाने कोई खास मशक्कत नहीं की। मामला पेट्रोल पम्प मालिक के एक गोदाम में लगी आग के कवरेज से जुड़ा था, जिसे शूट करने से उस गोदाम के कर्मचारियों ने मीडिया को रोका।
ज्ञातव्य है कि मंगलवार को इंदौर में एक केमिकल गोदाम में दोपहर करीब डेढ़ बजे भीषण आग लग गई। आग पर काबू पाने में फायर ब्रिगेड के अमले को दो घंटे से भी ज्यादा समय लगा। उधर आग की कवरेज करने पहुंचे लोकल मीडिया कर्मियों को गोदाम मालिक के गुंडों ने पहले तो कवरेज से रोकने की कोशिश की और नाकाम होने पर उन पर हमला कर दिया। आमतौर पर आग जैसी घटनाओं में मुआवजा या बीमा की रकम लेने के लिए लोग मीडिया को बुलाकर कवर करवाते हैं, लेकिन यहां मामला उलटा था, गोदाम मालिक चाहता ही नहीं था कि मीडिया इस खबर को कवर करे।
इसलिये मीडिया को शक हुआ कि गोदाम अवैध है और इसके बाद नौबबत मार—पिटाई तक पहुंच गई। बहरहाल जो कुछ भी हुआ कैमरों के सामने हुआ, हमले में 5 मीडियाकर्मी घायल हो गए हैं। गुंडों ने कुछ फोटोग्राफर्स के कैमरे छीन लिए, तो कुछ के कैमरे तोड़ फोड़ दिए। खैर, जैसे-जैसे खबर फैली, पुलिस के आला अधिकारी हरकत में आए और 6 पैट्रोल पम्प कर्मचारियों पर 307 का मुकदमा दर्ज कर लिया और उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया।
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