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आतंकी नवेदी गांव में पाक अधिकारियों ने मीडिया पर लगाई नो एंट्री

मीडिया            Aug 08, 2015


मल्हार मीडिया डेस्क उधमपुर हमले में शामिल अपने नागरिक मोहम्मद नावेद उस्मान उर्फ कासिम के पकड़े जाने से नाराज पाक अधिकारियों ने आतंकी के गांव जाकर कवरेज करने से मीडिया को रोकने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला की डिजिटल वेबसाइट के मुताबिक, सोशल मीडिया पर पोस्ट कुछ संदेशों में दावा किया गया है कि मीडियाकर्मियों को पाक सुरक्षा अधिकारियों ने सरकार की और से आधिकारिक बयान जारी होने तक कासिम के गांव जाकर कवरेज करने से बचने को कहा है। खासतौर पर मीडिया में कासिम के पिता का बयान आने के बाद पुलिस और अन्य बलों ने गांव को घेर लिया है। वहीं, उधमपुर में आतंकवादी के जिंदा पकड़े जाने की खबर को लेकर भारत में जबरदस्त प्रतिक्रिया है, लेकिन पाकिस्तान की मीडिया में इस मुद्दे को लेकर खामोशी छाई हुई है। पाक के कुछ वरिष्ठ पत्रकारों से कासिम की गिरफ्तारी के बारे में जब अमर उजाला ने पूछा तो उन्होंने जवाब देने के बजाय फोन ही रख दिया। वहीं कुछ पत्रकारों ने तो फोन रिसीव करना ही मुनासिब नहीं समझा। कई अखबारों के दफ्तरों को फोन लगाए गए, मगर घंटी बजती रही और किसी ने उठाया तक नहीं। हालांकि, पाकिस्तान के कुछ प्रगतिशील पत्रकारों ने खुद इस बात को स्वीकार किया कि कासिम का पाक से रिश्ता कोई भी स्वीकार नहीं करेगा। पाकिस्तान के प्रसिद्ध पत्रकार हफीज चाचड़ से जब पूछा गया कि पाक मीडिया में जिंदा पकड़े गए आतंकी की खबर को तरजीह नहीं दी गई तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा, ‘यहां तो खामोशी छाई है और आप अगर किसी से बात करेंगे भी तो लोग यही कहेंगे कि जरूर इसमें भारत की कोई साजिश रही होगी।’उन्होंने कहा कि पहले कसाब को जिंदा पकड़ा था, तब भी पाक ने कहा कि वह हमारा नहीं है तो इसे कोई अपना क्यों माने ?’ एक और बड़े पत्रकार एहतेशाम उल हक ने कहा कि छोड़िए भी इन बातों को, लेकिन सबसे बड़ी बदकिस्मती ये है कि दोनों मुल्कों के बीच जब भी बातचीत की पहल होती है, कोई न कोई मसला आ जाता है रुकाव के लिए।’ हफीज चाचड़ ने कहा कि रूस की बैठक में जो नतीजा निकला था, उसे पहले तो सीमा पर गोलीबारी से रोकने की कोशिश हुई और अब इस जिंदा आतंकी के पकड़े जाने के बाद पूरा मामला ठंडे बस्ते में जाता दिखाई दे रहा है। उन्होंने बहुत स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तान में नवाज शरीफ प्रधानमंत्री जरूर नजर आते हैं लेकिन मुल्क को चलाता कोई और है, बस इसके आगे मुंह न खुलवाएं।


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