मल्हार मीडिया ब्यूरो
अभिव्यक्ति की आजादी सुनिश्चित करने और पत्रकार जगेंद्र के परिवार को इंसाफ दिलाने सैकडों मीडियाकर्मी मैदान में उतर आये और दिल्ली स्थित जंतर—मंतर पर प्रदर्शन किया। उत्तर प्रदेश में पत्रकारों पर लगातार हो रहे हमलों और शाहजहांपुर में पत्रकार जगेंद्र सिंह की नृशंस हत्या के विरोध में सोमवार को दिल्ली जंतर-मंतर पर करीब सैकडों पत्रकारों ने प्रदर्शन किया। और उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पत्रकारों ने उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार से मांग की कि पत्रकारों पर हो रहे राजनीतिक हमलों पर लगाम लगाई जाए और जगेंद्र सिंह हत्याकांड के दोषियों पर तत्काल कार्रवाई हो।

इस दौरान वरिष्ठ पत्रकारों और संपादकों ने एक स्वर में कहा कि लोकतंत्र में असहमति की आवाजों को दबाने की ऐसी कोशिशें बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रदर्शन के बाद पत्रकारों की ओर से उनकी सुरक्षा और अभिव्यक्ति की आजादी को सुनिश्चित करने को लेकर एक ज्ञापन प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को सौंपा गया।
मीडियाकर्मी ज्ञापन सौंपने समाजवादी पार्टी कार्यालय भी पहुंचे लेकिन के कार्यालय में मौजूद अधिकारियों ने ज्ञापन स्वीकार करने से इनकार कर दिया और ज्ञापन सौंपने गए पत्रकारों से कहा कि ज्ञापन सौंपना है तो लखनऊ जाओ।
ये हैं पत्रकारों की मांगें
1) उत्तर प्रदेश के मंत्री राममूर्ति वर्मा को तत्काल गिरफ्तार किया जाए और उनके ऊपर हत्या का मुकदमा चलाया जाए।
2) उन्हें तत्काल कैबिनेट से हटाया जाए।
3) चुनाव आयोग राममूर्ति वर्मा के भविष्य में चुनाव लड़ने पर रोक लगाए।
4) दोषी पुलिसकर्मियों को कठोर से कठोर सजा दी जाए।
5) मृत पत्रकार गजेंद्र सिंह के परिवार को आर्थिक मदद दी जाए और उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
6) बहराइच में आरटीआई कार्यकर्ता गुरू प्रसाद शुक्ला की हत्या, कानपुर में पत्रकार को गोली मारने और बस्ती में पत्रकार पर हमले, मिर्जापुर के थाना जिगना ग्राम मनकथा निवासी पत्रकार अनुज शुक्ला की पैतृक जमीन पर समाजवादी पार्टी के दबंग राधेश्याम यादव का विधायक भाई लाल कोल के प्रतिनिधि विनोद यादव के संरक्षण में जबरन कब्जा, वरिष्ठ पत्रकार प्रशान्त टंडन के चन्द्रापुर हाउस में तोड़-फोड़ उनकी मां मीरा टंडन के साथ मारपीट और फायरिंग की घटना की राज्य सरकार तत्काल जांच करवाए और दोषी नेताओं व पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर के उन्हें गिरफ्तार करे।
7) समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव अपने विवादास्पद बयान के लिए जगेंद्र सिंह के परिवार से बेशर्त माफी मांगें।
इसके अलावा चूंकि उत्तर प्रदेश में पत्रकारों की जान समाजवादी सरकार के साये में लंबे समय से सस्ती बनी हुई है, इसलिए नीतिगत स्तर पर हम निम्न दीर्घकालिक मांग करते हैं:
1) पत्रकार जगेंद्र सिंह की हत्या की सीबीआइ जांच हो ताकि यह मामला आगे के मामलों के लिए एक नज़ीर बन सके।
2) पत्रकारों के उत्पीड़न से संबंधित एक सरकारी कमेटी का गठन किया जाए और समाजवादी पार्टी के सरकार में आने के बाद से लेकर अब तक या कम से कम 2012-15 के दौरान एनसीआरबी के आंकड़ों के तहत रजिस्टर एफआइआर के आधार पर तमाम मामलों की क्रमवार जांच करवायी जाए। कमेटी के संघटन में पत्रकार संगठनों को अवश्य लिया जाए।
3) उत्तर प्रदेश में पत्रकारों की कार्यस्थिति पर राज्य सरकार एक श्वेत पत्र जारी करे।
4) उत्तर प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित करे कि सभी अखबारों में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार मजीठिया वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हों।
5) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सार्वजनिक तौर पर पत्रकारों के साथ एक बैठक करें और अपने कार्यकाल में हुए उत्पीड़न पर एक खेद प्रकट करते हुए आधिकारिक बयान जारी करें। सभी पत्रकार संगठनों के नुमाइंदों को इस बैठक में बुलाया जाए। उनके साथ एक व्यापक विमर्श की प्रक्रिया चलायी जाए और पत्रकारों की सुरक्षा के लिए विधानसभा के अगले सत्र में एक प्रस्ताव पारित किया जाए।
6) नेताओं और पत्रकारों की अनैतिक साठगांठ की जांच करने के लिए विशेष जांच टीम (एसआइटी) का गठन हो जो तय समयसीमा के भीतर निष्पक्ष जांच कर के अपनी सिफारिशें राज्य सरकार को भेजे।
INPUT BHADAS4MEDIA
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