मल्हार मीडिया ब्यूरो।
मध्यप्रदेश के बालाघाट में पिछले 5 दिनों से बारिश जारी है। इसके चलते कई जगह पुल डूबे है तो बाढ़ से लोग परेशान है। इस बीच बारिश ने जिले में एक हाईवे निर्माण में भ्रष्टाचार को उजागर किया है। जिले की बहुप्रतीक्षित बालाघाट-गोंदिया फोरलेन सड़क का उद्घाटन तो अब तक नहीं हुआ। लेकिन पहली ही बारिश ने इस करोड़ों के प्रोजेक्ट की गुणवत्ता की असली तस्वीर सामने ला दी।
दरअसल, भारत माला परियोजना के तहत 1600 करोड़ की लागत से यह सड़क बनाई जा रही है। बालाघाट जिले के गोंगलाई और भमोड़ी गांव के पास फोरलेन सड़क का साइड शोल्डर और स्लोप स्ट्रक्चर बारिश के पानी में बह गया। नीचे की मिट्टी धंसने से सड़क का ढांचा कमजोर हो गया है।
इस हाईवे का निर्माण केसीपीएल कंपनी द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के तहत किया जा रहा है। लेकिन सड़क के उद्घाटन से पहले ही जो तस्वीरें सामने आई हैं। वो निर्माण में भारी लापरवाही और भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रही हैं।
बारिश के चलते सड़क के किनारों पर बनी स्लोप की मिट्टी पूरी तरह बह गई, जिससे क्रांक्रीट स्ट्रक्चर तक खिसक गया। कई जगह साइड का कच्चा हिस्सा पूरी तरह दरक गया है। ऐसे में सड़क के किनारे अब खतरनाक गड्ढे बन चुके हैं, जो बड़े हादसों को न्योता दे सकते हैं।
जानकारों के अनुसार तो जिस तरह मिट्टी और कंक्रीट स्ट्रक्चर बह गए, वह निर्माण में लापरवाही और मानकों की अनदेखी का संकेत है। बारिश के पानी की निकासी के लिए ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह नाकाम साबित हुआ। इससे स्पष्ट है कि सड़क निर्माण के दौरान मिट्टी का कंपेक्शन, स्लोप की मजबूती और सुरक्षा उपायों पर ध्यान नहीं दिया गया।
एनएचएआई की प्रोजेक्ट डायरेक्टर आकृति गुप्ता ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही इंजीनियरिंग टीम को मौके पर भेजा गया। प्रोजेक्ट एजेंसी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। साथ ही प्रभावित क्षेत्र में इमरजेंसी रिपेयर वर्क शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि घटना गंभीर है। तकनीकी तकनीकी टीम से रिपोर्ट मांगी गई है। जरूरत पड़ी तो जिम्मेदार एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
घटना पर मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि 1100 करोड़ की लागत से बना हाईवे पहली ही बारिश में धराशायी हो गया। उद्घाटन से पहले ही भ्रष्टाचार के फीते कट गए! इससे ज्यादा शर्मनाक और क्या हो सकता है?
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह घटना भाजपा के भ्रष्ट सिस्टम की असल तस्वीर है। जहां निर्माण की गुणवत्ता नहीं, कमीशन तय करता है। 'सबका साथ, सबका विकास' के नाम पर ठेकेदारों का साथ निभाया जा रहा है और जनता के साथ विश्वासघात हो रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क निर्माण के दौरान बार-बार घटिया मटेरियल और अधकचरे काम की शिकायतें की गई थी। लेकिन हर बार अधिकारियों ने आंखें मूंद लीं। आज परिणाम सबके सामने है। भमोड़ी गांव के ग्रामीणों का कहना है कि जनता का पैसा बह गया और जिम्मेदार हाथ झाड़ते नजर आ रहे हैं।
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