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उपराष्ट्रपति ने जताया अफसोस बोले,कई अखबार बिना संपादक काम कर रहे हैं

मीडिया            Jan 21, 2016


मल्हार मीडिया ब्यूरो उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया के हालातों की समीक्षा के लिए एक मजबूत आधार बनाने पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने देश में पत्रकारों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के बारे में भी बताया कि कैसे इतने तनाव के बावजूद भी पत्रकार लोगों तक ‘सही’ खबर पहुंचा रहे हैं। उपराष्ट्रपति भवन में आयोजित हुए ‘13वें शैलीकार प्रभाकर सम्मान’ समारोह में उन्होंने ये बात कही। अंसारी ने इस बात पर अफसोस जताया कि आज कई अखबार बिना संपादक के काम कर रहे हैं और मालिक ही तय कर रहा है कि अखबार में क्या प्रकाशित किया जाए। उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘आज कई अखबारों में तो संपादक ही नहीं है, केवल मालिक हैं, इसलिए जो भी मालिक कहता है वही प्रिंट होता है। उन्होंने कहा, जरा इसके बारे में सोचिए कि यदि समाज में बड़े-बड़े संपादक नहीं होते तो हमें कितना नुकसान उठाना पड़ता।’ उन्होंने आगे कहा कि पत्रकारिता के लिए यह एक बड़ी शर्त है कि जो लिखा जा रहा है वह विश्वसनीय और सच हो। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भारत ने संविधान बनाया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को अहम स्थान दिया लेकिन इस पर ध्यान देना आवश्यक है कि क्या हमारे देश में पत्रकारिता की दिशा और दशा ठीक है? उन्होंने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर नाम की संस्था ने निष्पक्ष और स्वतंत्र पत्रकारिता का जो सूचकांक तैयार किया है उसके अनुसार 180 देशों में भारत की पत्रकारिता 136 वें स्थान पर है और यह आंकड़ा बताता है कि हमें अभी काफी दूर जाना है।’ साथ ही उन्होंने पत्रकारिता के खतरों का भी जिक्र किया और कहा कि सूचकांक में यहां भी भारत का आंकड़ा ठीक नहीं है।


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