एक ऐसा पत्रकार संगठन भी बने

मीडिया            Jan 08, 2015


मीडिया खबरची भोपाली मीडिया जगत में कई दिनों से गुमनाम चिठ्यिों को लेकर बड़ी हलचल है। ऐसा कहा जा रहा है कि इस चिठ्ठी में एक समाचार पत्र के फीमेल ऑनर के चरित्र पर उंगलियां उठाई गई हैं। इस चिठ्ठी में अधिकारियों पर भी इस तरह के लांछन लगाये गये। यहां सवाल यह उठता है कि चाहे पुरूष हो या महिला किसी के भी चरित्र पर इस प्रकार के लांछन लगाना न तो तर्कसंगत है न न्यायसंगत। मीडिया में यह सालों से होता आ रहा है। किसी भी महिला को उसके चरित्र पर लांछन लगाकर उसका नाम खराब करना बहुत आसान है। ऐसी विकृत मानसिकता के लोगों पर अब कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिये और कड़े से कड़े दंड का प्रावधान भी होना चाहिये। बेहतर हो अब सरकार भी इस ओर ध्यान दे, क्योंकि यदाकदा सरकार के लोग भी ऐसे लोगों के निशाने पर आते रहते हैं। लिहाजा इस झूठे चरित्रहनन के सिलसिले को यहीं रोका जाना चाहिये। कई पत्रकार संगठन पत्रकारों के कल्याण के लिये बनाये जा रहे हैं। अब एक संगठन ऐसा भी होना चाहिये जो ऐसे लोगों का शिकार हुये पीढि़तों को न्याय दिलाये और दोषियों का सजा।


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