मल्हार मीडिया डेस्क
बीते साल एक हमले में बाल-बाल बच गए पाकिस्तान के मशहूर पत्रकार हामिद मीर अब डर के साये मे अपना जीवन जीने को मजबूर हैं। अमरीकी अखबार 'वॉशिंगटन पोस्ट' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हामिद कहीं भी जाते हैं, तो किसी को नहीं पता होता कि वे कहां हैं या उस रात कहां ठहरेंगे? डर इतना कि ऑफिस में भी पर्दे के पीछे रहते हैं। दरअसल पिछले साल अपने ऊपर हुए आतंकी हमले के बाद मीर इस तरह की जिंदगी जीने को मजबूर हैं। उनके डर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके दोस्त भी उनके लोकेशन के बारे में नहीं जानते हैं। वे अलग-अलग वक्त पर तीन घरों में रहते हैं।

दो बच्चों के पिता हामिद जब जिओ टीवी पर अपने शो 'कैपिटल टॉक' के लिए स्टूडियो के लिए निकलते हैं, तो बुलेट प्रूफ कार में ही बैठते हैं। इस दौरान उनकी निगाहें ट्रैफिक और अपनी कार के पास खड़े वाहनों पर टिकी होती हैं। वे कार में किसी का फोन तक नहीं उठाते। हामिद ने अपने बच्चों और पत्नी को पाकिस्तान से बाहर भेज दिया है। हालांकि वे पाकिस्तान छोड़कर नहीं गए, इस बारे में उन्होंने बताया कि, अगर मैं ऎसा करता तो देश के युवा पत्रकारों को निराशा होती।
अपनी बेबाकी के लिए मशहूर हामिद आलोचना करने से भी डरते हैं। वॉशिंगटन पोस्ट ने उनके हवाले से लिखा है कि 'पत्रकारिता' से ज्यादा अब जिंदा रहना ही उनका अब लक्ष्य रह गया है। हामिद ने मिलिट्री कोर्ट या बलूचिस्तान जैसे मुद्दों से दूरी बना ली है। बता दें कि ये वही हामिद हैं, जिन्होंने 2009 में अपने शो के दौरान मलाला यूसुफजई के हत्यारों से सवाल किया था, ‘एक निहत्थी स्कूली बच्ची पर फायरिंग करने के बाद क्या आपको खुद को 'मुसलमान' कहने का अधिकार है?’ मलाला को पाकिस्तान में लड़कियों के लिए शिक्षा जरूरी करने की मांग के बाद तालिबानी आतंकियों की गोली का शिकार होना पड़ा था।
हामिद ने वॉशिंगटन पोस्ट को बताया कि उन पर जानलेवा हमले के लगभग दो हफ्ते पहले पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एक अफसर ने उन्हें इशारों में इस्लामाबाद के सेरेना होटल में बुलाया था। हामिद के मुताबिक, अफसर ने सेना और पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के खिलाफ मुकदमा चलाने से जुड़े मामले पर रिपोर्टिंग बंद करने को कहा था। बता दें कि मुशर्रफ पर 2007 में संविधान का उल्लंघन करने और छह हफ्ते के लिए इमरजेंसी लगाने का आरोप है। वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, हामिद ने तब उस अधिकारी से कहा था, ‘अगर आर्मी राजनीति में दखल देना बंद कर दे, तो वह उन पर प्रोग्राम बनाना बंद कर देंगे।’ हामिद के मुताबिक, इसके एक हफ्ते बाद अफसर ने उनके घर पर आकर उन्हें चेताया कि वह हिट लिस्ट में हैं। इसके बाद उनपर जानलेवा हमला हुआ।
साभार वाशिंगटन पोस्ट
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