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गुजरात दंगों पर किताब लिख रही स्वतंत्र पत्रकार की पिटाई

मीडिया            Jan 21, 2016


मल्हार मीडिया ब्यूरो 2002 के गुजरात दंगों पर किताब लिख रही स्वतंत्र पत्रकार रेवती लौल की दंगों के एक आरोप ने बातचीत के दौरान पिटाई कर दी है। रेवती जनवरी 2015 से लगातार गुजरात का दौरा कर रही हैं और घटनास्थल पर जाकर पीड़ितों व आरोपियों से मुलाकात कर उस स्थिति को जानने का प्रयास कर रही है। इसी दौरान दंगों के एक आरोपी सुरेश रिचर्ड ने उनकी काफी पिटाई कर दी और उनके चेहरे पर पिटाई के निशान व चोट साफ तौर पर दिख रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार शाम एनडीटीवी की पूर्व पत्रकार और अब स्वतंत्र लेखिका रेवती लोल पर गुजरात दंगों के नरोडा पाटिया कांड के दोषी और 31 साल जेल की सज़ा पाए सुरेश छारा ने कथित तौर पर हमला किया। सुरेश छारा को गिरफ्तार कर लिया गया है। रेवती पिछले कुछ महीनों से गुजरात में रह रही है और गुजरात दंगों पर किताब लिख रही है। इसी सिलसिले में वो पिछले एक साल से सुरेश छारा के परिवार से मिलती रही हैं। सुरेश छारा पिछले कुछ महीनों से विवादों में भी है। कुछ समय पहले उसकी पत्नी ने भी उस पर आरोप लगाए थे कि पिछले साल जुलाई में जब वो जेल से पेरोल पर बाहर आया था तब उसने उसकी उसके साथ कथित बलात्कार किया था और अन्य ज्यादतियां भी की थीं। सुरेश की पत्‍नी ने बकायदा कोर्ट में अर्जी देकर कहा था कि सरेश को फिर पेरोल न दी जाए। रेवती ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि सुरेश छारा कुछ दिन पहले पेरोल पर जेल से बाहर आया था। अपनी किताब की रिसर्च के सिलसिले में रेवती लोल अहमदाबाद के कुबेरनगर- छारानगर इलाके में सुरेश के घर उससे मिलने गई थीं। शुरुआती बातचीत में ही सुरेश उग्र हो गया और उसने रेवती पर घूंसों से हमला कर दिया। घूंसों से रेवती का मुंह सूज गया और आंख में खून सिमट आया। पांव और अन्य जगहों पर भी रेवती को चोटें लगी हैं। रेवती अब कोर्ट से गुहार लगाने की तैयारी कर रही है कि सुरेश छारा की पेरोल रद्द कर दी जाए। अब इस मामले में इंतज़ार है कि पुलिस जांच कर क्‍या कदम उठाती है।


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