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जगेंद्र हत्याकांड और पत्रकार सुरक्षा याचिका पर सुनवाई टली

मीडिया            Aug 11, 2015


मल्हार मीडिया ब्यूरो पत्रकार जगेंद्र हत्याकांड की सीबीआई जांच और पत्रकारों की सुरक्षा के लिए दिशा निर्देश तय करने की मांग वाली जनहित याचिकाओं पर सुनवाई शुक्रवार तक टल गई है। पत्रकार सतीश जैन व कुछ अन्य लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिकाएं दाखिल कर रखी हैं जिनमें उत्तर प्रदेश में हुए जगेंद्र हत्याकांड की सीबीआई जांच के अलावा पत्रकारों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया गया है। याचिका में यह भी मांग की गई है कि यदि किसी पत्रकार की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होती है तो उसकी न्यायिक जांच हो। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई शुक्रवार तक टालते हुए कहा कि याचिकाओं में कुछ गंभीर मुद्दे उठाए गए हैं और उन पर विचार किया जाएगा। इससे पहले याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकीलों ने पत्रकारों की सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पिछले 20 सालों में सात राज्यों में कुल 80 पत्रकार मारे गए हैं जिनमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में हैं। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि पत्रकारों की सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट कोई दिशानिर्देश जारी करे। उत्तर प्रदेश में शाहजहांपुर के पत्रकार जगेंद्र सिंह को कुछ लोगों ने जला दिया था और बाद में उनकी मौत हो गई थी। अभी फिलहाल मामले की जांच उत्तर प्रदेश पुलिस कर रही है। मामले के अनुसार गत एक जून को दोपहर में कोतवाल श्रीप्रकाश राय फोर्स के साथ आवास विकास कॉलोनी स्थित पत्रकार जगेंद्र सिंह के आवास पर दबिश देने पहुंचे थे उसी दरमियान जगेंद्र सिंह गंभीर रुप से झुलस गए थे। बाद में आठ जून को लखनऊ के सिविल हॉस्पिटल में जगेंद्र ने दम तोड़ दिया। जगेंद्र ने मरने से पहले दिए गए बयान में कहा कि राज्य मंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा के इशारे पर कोतवाल श्रीप्रकाश राय, चार अन्य पुलिस कर्मियों तथा राज्य मंत्री के करीबी गुफरान ने पेट्रोल छिड़क कर उसे जिंदा जलाने का प्रयास किया। हालांकि पुलिस का कहना था कि जगेंद्र ने स्वयं को आग लगाई थी। जगेंद्र की मौत के बाद नौ जून को इस मामले में एक नई एफआइआर दर्ज हुई जिसमें राज्य मंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा, इंस्पेक्टर राय समेत छह लोगों को नामजद किया गया जबकि कुल दस के खिलाफ मामला दर्ज हुआ।


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