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जगेंद्र हत्याकांड के दाग मिटाने में फुर्ती दिखाती समाजवादी सरकार,घंटों में मिला जमीन का कब्जा और पेंशन

मीडिया            Jun 24, 2015


मल्हार मीडिया ब्यूरो उत्तरप्रदेश के पत्रकार जगेंद्र सिंह की हत्या के बाद इस मामले में उनके परिवार को मुआवजा,पेंशन नौकरी देने में समाजवादी सरकार ने जो फुर्ती दिखाई है उससे साबित हो जाता है कि जिस छोटे से काम को पूरा होने में लोगों के कई साल बर्बाद हो जाते हैं, अधिकारी अगर चाहें तो वह काम चुटकियों में पूरा हो सकता है। चूंकि इस मामले यूपी सरकार के मंत्री की गर्दन फंसी हुई है सो , सीएम ने पीड़ित परिवार को मुआवजे समेत कुछ अन्य आश्वसनों के चलते संतुष्ट करने की कोशिश की थी। इसी कोशिश को यूपी के अधिकारियों ने फटाफट इसलिए अमली जामा पहनाया ताकि कही परिवार मीडिया से कुछ और न कह बैठे। यह मामला इस तरह समझा जा सकता है कि दिलीपपुर गांव की जिस पांच एकड़ जमीन के लिए जगेंद्र का परिवार 5 दशकों से संघर्ष कर रहा था, मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव के हस्‍तक्षेप के बाद जिला प्रशासन के अधिकारियों ने उस पर मात्र पांच घंटे में कब्‍जा दिला दिया। शाहजहांपुर के जो जिलाधिकारी और एसएसपी जगेंद्र के 74 वर्षीय पिता सुमेर सिंह को पिछले 5 दशकों में कब्‍जा नहीं दिला पाए थे, वही अधिकारी सीएम के फोन के बाद ऐसे एक्टिव हुए कि मात्र कुछ घंटों में ही पूरा विवाद ही सुलझा दिया। जगेंद्र के बेटे राहुल ने बताया कि जमीन के लिए दादा सुमेर सिंह ने कई बार डीएम और एसपी के यहां प्रार्थना पत्र दिया था। इसके बावजूद इलाके के कानूनगो और लेखपाल हर बार मामले में कोई न कोई रोड़ा अटका देते थे। राहुल ने बताया कि करीब इस मामले में हाईकोर्ट का एक फैसला उनके पक्ष में आने के बाद उम्‍मीद जगी थी कि जमीन पर कब्‍जा मिल जाएगा, लेकिन स्‍थानीय लेखपाल व कानूनगो ने कब्‍जा नहीं लेने दिया था। इसकी शिकायत तत्‍कालीन डीएम से भी की गई, पर कोई फैसला नहीं हो सका था तीन घंटे में मिल गई समाजवादी पेंशन लखनऊ में मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव से राहुल और सुमेर सिंह की मुलाकात के कुछ घंटे बाद ही शाहजहांपुर जिला प्रशासन सक्रिय हो गया और जगेंद्र सिंह की पत्‍नी को समाजवादी पेंशन योजना का लाभ मात्र तीन घंटे में दिला दिया। आनन-फानन में समाज कल्‍याण विभाग ने सारी औपचारिकताएं पूरी कर जगेंद्र की पत्‍नी सुमनलता का नाम लाभार्थियों की सूची में शामिल कर लिया। इस बारे में शाहजहांपुर की जिलाधिकारी शुभ्रा सक्‍सेना का कहना है कि विधवा और परिवार में मासिक आय का कोई साधन न होने के कारण सुमन को समाजवादी पेंशन दी गई है। पांच घंटे में उनका जमीन पर कब्‍जा भी दिला दिया गया। उन्‍होंने बताया कि जगेंद्र के दोनों बेटों राहुल व राघवेंद्र के नाम 315 बोर की एक रायफल व .32 बोर की एक पिस्‍टल का लाइसेंस आत्‍मरक्षा के लिए दिया गया है। इंपेक्ट समाचार4मीडिया


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