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दैनिक जागरण समूह की तानाशाही, 16 कर्मचारियों को बर्खास्त किया

मीडिया            Sep 25, 2015


मल्हार मीडिया मजीठिया वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग और प्रबंधन की तानाशाही के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने वाले दैनिक जागरण के दिल्ली संस्करण में वर्षो से कार्यरत 16 कर्मचारियों को प्रबंधन ने हाल में बर्खास्त कर दिया है। दैनिक जागरण समूह के इस मनमानी पूर्ण निर्णय के विरोध में जागरण के दिल्ली संस्करण के कर्मचारियों ने 13 अक्टूबर से सामूहिक रूप से हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। प्रिंट मीडिया जर्नलिस्ट एसोसिएशन अध्यक्ष महेश दीक्षित ने जागरण समूह के इस निर्णय की आलोचना की है और देश के सभी पत्रकार साथियों से जागरण के कर्मचारियों के समर्थन में एकजुट होने का आह्वान करते हुए 13 अक्टूबर 20 15 से जागरण कर्मचारियों की हड़ताल का समर्थन किया है। जागरण प्रकाशन में पहली बार बनी कर्मचारी यूनियन ने प्रबंधन को दिए हड़ताल के नोटिस में चेतावनी दी है कि यदि जागरण के मप्र सहित किसी भी संस्करण में अब कर्मचारी के खिलाफ प्रबंधन ने कोई इस तरह की कार्रवाई की तो सभी संस्करणों के कर्मचारी सामूहिक रूप से हड़ताल पर चले जाएंगे। उल्लेखनीय है कि फरवरी-2014 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी दैनिक जागरण समूह ने मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशें लागू नहीं की हैं। बल्कि अपने कर्मचारियों की छंटनी और प्रताडऩा शुरू कर दी है। ऐसे में बड़ी संख्या में कर्मचारी फैसले को लागू न करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गए हैं और उन्होंने जागरण प्रबंधन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का केस दर्ज कराया है। जिसकी पिछली सुनवाई 28 अप्रैल को हो चुकी है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी राज्यों से सिफारिशें लागू होने के संबंध में राज्य सरकारों से रिपोर्ट मांगी है। चार महीने की मियाद पूरी होने के बाद भी राज्य रिपोर्ट पेश नहीं कर सके हैं, जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई टलती जा रही है। इस बीच जागरण प्रबंधन ने कर्मचारियों पर प्रताडऩा तेज कर दी है। इसी के तहत दिल्ली संस्करण के 16 वरिष्ठ कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। महेश दीक्षित के फेसबुक वॉल से


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