यशवंत सिंह
जागरण ग्रुप के बच्चा अखबार आई-नेक्स्ट के कानपुर संस्करण की लांचिंग कराने के बाद इसके संपादक पद से इस्तीफा देकर कई महीने तक अपने गांव में रहा। जी भर खुली हवा में सांस लेकर छाती मजबूत बनाने और घूम घूमकर ताड़ी पीकर गला तर करने के बाद नई नोकरी खोजने नोएडा पहुंचा। शराब न पीने और झगड़ा न करने टाइप कई किस्म की शर्तों को मुझसे मनवाए जाने के बाद अंतत: कामकाज के मेरे पुराने अच्छे रिकार्ड को देखते हुए दैनिक जागरण नोएडा में नौकरी दे दी गई। इसी दौरान सुना कि हिंदी में ब्लॉगिंग का दौर शुरू हुआ है और किसिम किसिम के हिंदी ब्लाग बन चल लिखे जा रहे हैं। अपन लोगों ने भी मिलकर एक ब्लाग बनाया। भड़ास नाम से। इसका आनलाइन पता WWW.Bhadas.Blogspot.COM रखा गया।
इस ब्लाग में करीब एक हजार संपादक बनाए गए। यानि जो भी इसका मेंबर बना उसको डायरेक्ट पोस्टिंग का राइट दे दिया गया। इस कारण कभी कभार ये भी होता कि मैं सो कर उठता तो देखता कि भाई लोग मुझे ही गालिया लिख लिखकर भड़ास पर छापे हुए हैं। खैर। कई किस्म की लंबी उठा पटक बहस झगड़ा होड़ कंपटीशन कंप्लेन मुंहफुलव्वल आदि के बाद ब्लागिंग की आग धीरे धीरे शांत होने लगी। शौकिया ब्लागर निष्क्रिय होने लगे। कुछ ही प्रतिबद्ध ब्लागर फील्ड में जमे रहे। कई लोग ब्लागिंग के आगे की राह देखने समझने लगे। कुछ लोग इधर उधर हुए तो कुछ ने फेसबुक ट्विटर आदि की राह पकड़ी। कइयों ने डाट काम को अपनाया। समय हर चमकीली चीज पर धूल की परत चढ़ाकर उसे पुराना कर देता है और कुछ नया चमकता पेश कर देता है।
अब जबकि ब्लागिंग लगभग न के बराबर है और हर कोई अपनी बात टेक्स्ट आडियो वीडियो के रूप में फेसबुक व ट्विटर जैसे मंचों पर पोस्ट पब्लिश करता है तो हम लोग एक बार फिर भड़ास ब्लाग को सक्रिय करने की तैयारी कर रहे हैं। पुराने निष्क्रिय (ज्यादातर निष्क्रिय ही हैं) को हटाकर नयों को शामिल करने की तैयारी चल रही है। मुझे यह स्वीकारने में गर्व है कि भड़ास ब्लाग के संचालन के दिनों में मिले ज्ञान समझ रगड़े झगड़े आदि के कारण विकसित हुई परिपक्वता से भड़ास4मीडिया का कांसेप्ट दिमाग में आया जो शुरुआती कठिन संघर्षों के बाद चल निकला। अन्यथा हम जैसे हिंदी पट्टी के देहातियों अराजकतावादियों मुंहफटों के लिए उन दिनों दिल्ली नोएडा में नौकरियों के सारे दरवाजे बंद किए जा चुके थे और सरवाइवल मुश्किल था। पर नौकरी के परे खुद के पैशन को प्रोफेशन बनाने की जो धुन सवार हुई तो भड़ास4मीडिया के जरिए परवान चढ़ता चला गया। लेकिन इस भड़ास4मीडिया को पैदा किया असल में भड़ास ब्लाग ने ही। एक बार आप भी भड़ास के सबसे शुरुआती, अनगढ़, ओरीजनल और देसज मंच को देखें। Bhadas.BlogSpot.com
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