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पटेलों के चक्कर में हो गई मीडिया वालों की भी पिटाई

मीडिया            Aug 26, 2015


मल्हार मीडिया रैली थी पटेलों की। पहले से ही ऐलान किया गया था कि लाखों पटेल आएंगे, सो इंतजाम चाक चौबंद थे। अहमदाबाद के चप्पे—चप्पे पर पुलिस तैनात थी। फिर भी पता नहीं जाने क्या हुआ कि पुलिस लोगों पर रात में अचानक टूट पड़ी, पर इस लेपेटे में कई मीडियावाले भी आ गए, कई मीडिया वालों को लाठियां खानी पड़ीं तो कई की गाड़ियां और ओबी वैन्स तक तोड़ दी गईं। बात बिगड़ी पटेल रैली खत्म होने के बाद अचानक हार्दिक पटेल का उसी मैदान पर अनशन शुरू कर देने के बाद, जबकि उस जीएमडीसी मैदान की इजाजत केवल पांच बजे तक ली गई थी। अगले तीन घंटे तक अधिकारियों ने पटेल नेताओं को समझाने की काफी कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। इधर सारे रिपोर्टर्स जो इस रैली को कवर कर रहे थे, सुबह तीन से चार बजे से जगे हुए थे। कुछ रिपोर्टर्स दिल्ली से भी पहुंचे हुए थे। वो भी सोचकर चल रहे थे कि कुछ देर में ये उठ जाएंगे। अचानक से कुछ ऐसा हुआ कि पुलिस ने लाठीचार्ज करना शुरू कर दिया। पुलिस वाले भी रिपोर्टर्स की तरह लगता है परेशान थे, उनकी भी ड्यूटी बारह घंटों से ज्यादा हो गई थी, नतीजा ये हुआ कि उन्हें जो मिला उसे जमकर पीटा। मीडिया की वजह से अब तक खुद को कंट्रोल में रखते आ रहे पुलिस वालों ने मीडिया वालों को भी नहीं छोड़ा, कई रीजनल पत्रकारों पर लाठियां बरसाई गईं। नेशनल मीडिया से जुड़े कई वाहनों को तोड़ दिया गया, चैनल ‘आजतक’ ने पुलिसवालों को कारों को तोड़ते दिखाया। न्यूज 24 की ओबी वैन भी तोड़ दी गई। टीवी9 की गाड़ियों को भी तोड़ा गया। इससे पहले पटेल आंदोलन के कार्यकर्ताओं द्वारा समाचार एजेंसी एएनआई की टीम से बदतमीजी की खबरें आई थीं, जिसके चलते उन्होंने रैली की कवरेज को बीच में रोका। जब उन्होंने पूरे दिन रैली पर एक भी दिन पॉलिटिकल रिएक्शन भी नहीं भेजा तो लगा कि खबर सही है। बाद में एएनआई ने ही पटेल कार्यकर्ताओं द्वारा की गई तोड़फोड़ और पुलिस के लाठीचार्ज के विजुअल्स चैनल्स को भेजे। अलग-अलग शहरों में आगजनी के विजुअल्स भी एएनआई ने भेजे। अब तक आंदोलन को मीडिया की अच्छी कवरेज मिलती आई है, लेकिन पहले पटेलों और फिर पुलिस के बर्ताब के चलते आंदोलन कमजोर पड़ सकता है। समाचार4मीडिया


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