विज्ञापन लो और चुप रहो नहीं तो हम तोड़ देंगे[/caption]
श्री राव ने अतीत को याद करते हुये कहा कि 40 साल पहले इंदिरा गांधी की हुकूमत प्रेस सेंसरशिप लाई थी जिसके विरोध करने पर कई लोग गिरफ़्तार हुए थे। मैं भी गिरफ़्तार हुआ था। मुलायम सिंह यादव और उनके तमाम साथी जो तानाशाही से लड़कर सत्ता में आए थे आज वही लोग ऐसा व्यवहार कर रहे हैं।
इससे काफ़ी सदमा पहुंचा है ख़ासकर उत्तर प्रदेश के लोगों को। राज्य में सीधी बात यह है कि विज्ञापन लो और चुप रहो नहीं तो हम तोड़ देंगे। लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का जो सफ़ाया हुआ उसमें मीडिया की बहुत बड़ी भूमिका रही है। उससे सचेत होकर यह नई नीति अपना रहे हैं।
जिस तरीक़े से मीडिया मैनेजमेंट किया जा रहा है वो मीडिया की आज़ादी के लिए बहुत बड़ा ख़तरा हो गया है। मीडिया का एक हिस्सा आर्थिक और सामाजिक दबावों की वजह से सरकार के साथ भी हो गया है और जो कम संख्या में विद्रोही लोग है उन पर चुन-चुन कर हमला हो रहा है।
शाहजहांपुर में जो एक हफ़्ते पहले जो हुआ है ये उसी का परिणाम है। शाहजहांपुर ज़िले में पत्रकार जगेंद्र सिंह को कथित तौर पर जला कर मार दिया गया था और इसके आरोप में उत्तर प्रदेश के मंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा पर एफ़आईआर दर्ज की गई थी।
जगेंद्र सिंह के परिवार का कहना है कि उन्होंने मंत्री के ख़िलाफ़ ग़ैर क़ानूनी खनन और ज़मीन हथियाने का आरोप लगाता हुआ एक फ़ेसबुक पोस्ट किया था।
इनपुट बीबीसी
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