कमल शुक्ला।
सामाजिक एकता मंच को जिस रणनीति के तहत भंग किया गया है ,उसके कुछ तात्कालिक कारण जरूर है ,लेकिन इस मंच से जो गैर कानूनी काम किये गये उसके लिए व्यक्तिगत रूप से लोगों पे जिम्मेदारी तय होनी ही चाहिए। इन लोगों ने पुलिस के सरंक्षण में सामाजिक कार्यकर्ताओ ,पत्रकारों ,वकीलों और आम आदिवासीयों के खिलाफ जो आपराधिक कृत्य किये है , उसके लिये इन लोगों पर कानूनी कार्यवाही करके मुकदमे दर्ज हों ,जिससे उन्हें दंडित किया जा सके।
हालांकि इसकी संभावना न के बराबर है क्योंकि पुलिस ने कानूनी दांव पेच से बचने के लिये ही इसका गठन किया था। और सुप्रीम कोर्ट में नलिनी सुन्दर की याचिका से बचने के लिये ही यह कदम ऊठाया गया है। नलिनी सुन्दर ने ही सलवा जुडुम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में निर्णय करवाया था।
हम यह नहीं मानते कि इस घटना से मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ,वकील या पत्रकारों का काम करना आसान हो जायेगा , बहुत जल्दी ही पूलिस नये रूप में कुछ ऐसा ही संगठन या तरीका शुरू करेगी ही।
2005 से लेकर अब तक बस्तर में जितनी भी हत्या मुठभेड़ और नक्सल उन्मूलन के नामपर हुई है , जितनी गिफ्तारी हुई है , जितने बलात्कार हुए हैं , जितने जवान मारे गए हैं , उन्मूलन अभियान के नामपर जितने खर्च किये गए हैं और इस दौरान सलवा जुडूम पार्ट 1 से सलवा जुडूम पार्ट 2 तक इससे जुड़े पी विजय , मधुकर राव , सुब्बाराव जैसे तमाम लोगों को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा दिलाये गए आर्थिक फायदे ठेकेदारी और सप्लाई व मंत्रियों नेताओं से इनके सम्बंधों आदि सभी मामलों की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीशों की टीम से करायी जाय और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही हो। सामाजिक एकता मंच और अन्य सभी संगठनों पर हुए खर्च और उसके श्रोत की भी जाँच हो ।
मेरा दावा है कि इन सभी संगठनों को बाकायदा प्रदेश के मुख्यमंत्री रमन सिंह की जानकारी व सहमति से बनाया गया था। इन संगठनो को बनाये जाने का उद्देश्य एक तरह से पूर्ण हो चूका है।बस्तर के आदिवासियों को ; वहां रहकर उनकी आवाज उठाने वालों को डराना एक प्रमुख उद्देश्य था जिसमे यह गन्दा गठजोड़ सफल रहा है।
चित्र 1 में देखिये सलवा जुडूम 2 ( सामाजिक एकता मंच ) के प्रमुख नेता व पदाधिकारी मनीष पारेख प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ
चित्र 2 सामाजिक एक तरह ता मंच के गुंडा व ठेकेदार सुब्बाराव ( चोरी का आरोपी ) बस्तर आईजी कल्लूरी और बस्तर एस पी राजेन्द्र दास के बीच उनके अधिकारी की बैठा हुआ।
फेसबुक वॉल से।
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