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पद्म पुरस्कार:ट्रेंड किया #PadmaAwards4Bhakts

मीडिया            Jan 26, 2016


मल्हार मीडिया डेस्क पद्म पुरस्कारों की घोषणा के बाद ही सोमवार को सोशल मीडिया पर #PadmaAwards4Bhakts ट्रेंड करने लगा जबकि कई लोगों ने इसके विरोध में ट्विट किया। जिन 112 लोगों को पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री पुरस्कार दिए गए हैं उनमें फ़िल्म अभिनेता अनुपम खेर, प्रियंका चोपड़ा, अजय देवगन और फ़िल्म निर्देशक मधुर भंडारकर भी शामिल हैं। #PadmaAwards4Bhakts ट्रेंड के तहत पहले चार घंटे के अंदर पंद्रह हज़ार से ज़्यादा ट्वीट किए गए। पैरोडी अकाउंट 'ड्रंक विनोद मेहता' ने असहिष्णुता के मुद्दे पर सरकार के समर्थन में मधुर भंडारकर, मालिनी अवस्थी और अनुपम खेर के मार्च की तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, "इस मार्च में शामिल तीन लोगों को पद्म पुरस्कार मिल गए। आम आदमी पार्टी के विधायक जरनैल सिंह ने यही तस्वीर साझा करते हुए लिखा, "अनुपम खेर ने साबित कर दिया कि मेहनत प्रतिभा को हरा देती है। अगर प्रतिभा ना हो तो ख़ूब मेहनत करो। वहीं पद्म पुरस्कारों का बचाव करते हुए एक यूज़र सपना मिश्रा ने ट्वीट किया, 'किसी व्यक्ति की आलोचना करने से पहले ख़ुद को उसकी जगह रखकर देखें। पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी पागल की जगह लायक लोगों को अवॉर्ड मिल रहे हैं। लॉजिकल भक्त के नाम से एक ट्विटर हैंडल ने पुरस्कारों के बचाव में लिखा, इसी बीच कांग्रेस के पिट्ठू #PadmaAward4Bhakts करा रहे हैं। ये उस पार्टी का कहना है जिसके नेताओं ने अपने आप को ही भारत रत्न पुरस्कार दे दिया था। कुछ लोगों ने फ़िल्म अभिनेत्री रवीना टंडन को पद्म पुरस्कार न दिए जाने का मुद्दा भी उठाया। एथिकल स्टॉकर ने लिखा, "रवीना टंडन को इतनी कोशिशों के बावजूद पद्म पुरस्कार नहीं मिल सका। दुखद। आम आदमी पार्टी से जुड़े अंकित लाल ने लिखा, मुझे लगता है कि अनुपम खेर को उनके अभिनय के लिए ये पुरस्कार दिया गया है और वो इसके क़ाबिल हैं। ग़ैर राजनीतिक भूमिका में सबसे बेहतरीन अभिनेता। वहीं अनुपम खेर ने ख़ुद को पद्म विभूषण दिए जाने पर लिखा, आज एक निष्कासित कश्मीरी पंडित और छोटे शहर के फ़ॉरेस्ट डिपार्टमेंट के क्लर्क का बेटा अपनी मेहनत से पद्मा भूषण पा रहा है। धन्यवाद मेरे देश। पत्रकार कुलदीप सहगल ने लिखा वक्त वक्त की बात है- 26 जनवरी 2010 को अभिनेता अनुपम खेर का ट्वीट- "हमारे देश में अवॉर्ड्स हमारे सिस्टम का मज़ाक बन कर रह गए हैं। इनमें से किसी की भी विश्वसनीयता बाकी नहीं रह गई है। चाहे वे फिल्म, नेशनल अवॉर्ड हों या फिर अब पद्म।" 25 जनवरी 2016 को पद्मभूषण अवॉर्ड मिलने के बाद अनुपम खेर का ट्वीट- "ये शेयर करते हुए खुश, विनम्र और सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि भारत सरकार ने मुझे पद्म भूषण से सम्मानित किया। मेरे जीवन की महानतम ख़बर। ‪जय‬ हिंद" विनीत कुमार ने लिखा अनुपम खेर पिछले कुछ महीने से बेहूदगी की हद तक जाकर जिस तरह से सत्ता की चिरौरी और टीटीएम (ताबड़तोड़ तेल मालिश) करते आए हैं, ऐसे में पद्म भूषण न मिलने पर नाइंसाफी हो जाती. वो तो मिलना तय ही था। लेकिन अफसोस सिर्फ इस बात का है कि ये कलाकार बिना इन सबके भी पद्मश्री के काबिल था। जिस कारण उन्हें ये सम्मान मिला है, हम बहुत उदार होकर भी सोचें तो ये उनकी कला का सम्मान नहीं, अपने सम्मान की चिंता किए बगैर साख की सरेआम टोपी उछाले जाने का मेहताना है.. ये खांटी एक कलाकार का सम्मान तो नहीं ही है। बाकी तो हिन्दी सिनेमा अनुपम खेर जैसे बाप के किरदार के बिना तो अधूरा है ही। काश वो असल जिंदगी में भी राज (डीडीएलजे) के पिता की ही तरह अक्खड़,उदार और बड़ी सोच के होते.. लेकिन इससे पहले साल 2010 में उन्होंने पद्म पुरस्कारों पर सवाल उठाते हुए लिखा था, "हमारे देश में पुरस्कार व्यवस्था का मज़ाक उड़ाने का ज़रिया बन गए हैं। किसी भी पुरस्कार की कोई साख नहीं रह गई है। चाहें फ़िल्म पुरस्कार हों या पद्म पुरस्कार। अनुपम खेर के इस पुराने ट्वीट को ख़ूब साझा किया जा रहा है।


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