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प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट सुधीर तैलंग नहीं रहे, अफसोस प्रयास सार्थक नहीं हुआ

मीडिया            Feb 06, 2016


मल्हार मीडिया प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट सुधीर तैलंग नहीं रहे। "कार्टून "जगत का एक मज़बूत स्तंभ ढहा !!! श्रध्दांजलि !!!..55 वर्षीय कार्टूनिस्ट सुधीर तैलंग दिल्ली के मेदांता अस्पताल में आखिरी सांसें लीं। कल दिल्ली में उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा। श्री तैलंग इस खतरनाक बीमारी से लंबे समय से जूझ रहे थे। इसकी जानकारी वरिष्ठ पत्रकार डॉ.प्रकाश हिंदुस्तानी के एक आर्टिकल और उनसे हुई बातचीत में मिली। डॉ.हिंदुस्तानी ने लिखा था। खतरनाक बीमारी से जूझ रहे सुधीर के इलाज का खर्च कोई सरकार, कोई मीडिया हाउस, घराना नहीं उठा रहा। परिवार पर हर तरफ दबाव है। इतने महान कार्टूनिस्ट के लिए उन्हें आगे आना ही चाहिए। ये आर्टीकल प्रकाशित करने का उद्देश्य सिर्फ इतना कि अगर कहीं सही इंसान तक यह बात पहुंचे और वो हाथ आगे बढ़ाये तो मल्हार मीडिया और डॉ.हिंदुस्तानी का प्रयास सार्थक होगा। अफसोस ये प्रयास सार्थक नहीं हो पाया। 31 जनवरी को मल्हार मीडिया ने यह आलेख प्रकाशित किया था। राजस्थान के बीकानेर में जन्मे सुधीर तैलंग ने अपना करियर मुंबई में 'इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ़ इंडिया' के साथ वर्ष 1982 में शुरू किया था। हालाँकि उन्होंने अपना पहला कार्टून 1970 में ही बनाया था। वर्ष 1983 में उन्होंने हिंदी अख़बार नवभारत टाइम्स के साथ काम करना शुरू किया। फिर उन्होंने अंग्रेज़ी अख़बार हिंदुस्तान टाइम्स के साथ काम किया। अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस और टाइम्स ऑफ़ इंडिया के साथ भी वे जुड़े रहे। एशियन एज के बाद उन्होंने किसी अख़बार के लिए काम करना बंद कर दिया था। 2004 में उन्हें पदम श्री से सम्मानित किया गया था। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर कार्टूनों की एक शृंखला किताब की शक्ल में लाँच की थी, जिसका नाम था- नो प्राइम मिनिस्टर। गज़ब की हिम्मत,संघर्ष के जज्बे की मिसाल, मुखर अभिव्यक्ति के कार्टूनिस्ट सुधीर तैलंग


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