मल्हार मीडिया
अब अन्य व्यवसायिक चैनलों की तरह दूरदर्शन भी इस वित्तीय वर्ष के अंत तक कंटेंट की खरीदारी अपने प्राइम टाइम स्लॉट की नीलामी के माध्यम से करेगा। ऐसा माना जा रहा है कि दूरदर्शन द्वारा यह कवायद खर्चों को कम करने के लिये की जायेगी। अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि राजस्व साझीदारी मॉडल पर आधारित इस कदम से कई बड़े प्रॉडक्शन हाउस इस सार्वजनिक प्रसारणकर्ता की तरफ आकर्षित होंगे।
दूरदर्शन को उम्मीद है कि स्लॉट सेल पॉलिसी के तहत प्रॉडक्शन हाउस उसके द्वारा प्राप्त रेवेन्यू के शेयर के लिए उसकी तरफ आकर्षित होंगे।
सूत्रों का कहना है कि पिछले साल पांच नवंबर को प्रसार भारती बोर्ड की मीटिंग में प्रोग्रामों की खरीद के प्रस्ताव को मिली मंजूरी की दिशा में यह कदम उठाया गया है। यह प्रस्ताव पिछले सात साल से लंबित था।
सूत्रों का कहना है कि स्लॉट की नीलामी प्रक्रिया कई फेज में होगी और प्राइम टाइम व संडे के स्लॉट की बिक्री पहले की जाएगी। स्लॉट सेल पॉलिसी के तहत रेवेन्यू एडवर्टाइजमेंट टाइम और कार्यक्रम के प्रॉड्यूसर द्वारा दी गई गारंटी मनी से जुटाया जाएगा। कार्यक्रम का प्रॉड्यूसर एडवर्टाइजमेंट कॉस्ट को आधा कर अपनी कीमत वसूल कर सकेगा।
माना जा रहा है कि इस पॉलिसी से दूरदर्शन को कार्यक्रमों की खरीद पर ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ेगा वहीं वह यह भी सुनिश्चित कर सकेगा कि प्रॉड्यूसर अपने कार्यक्रम की क्वालिटी को बेहतर रखें।
गौरतलब है कि पिछले पांच वर्षों से दूरदर्शन कार्यक्रमों को कमीशन के आधार पर (Commissioning mode) प्राप्त कर रहा है, जहां पर कंटेंट तैयार करने के लिए इसका भुगतान भी करना पड़ता है लेकिन इसके अच्छे परिणाम प्राप्त नहीं हुए हैं।
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