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फांसी कवरेज पर मीडिया से नाराज सामना

मीडिया            Aug 12, 2015


मल्हार मीडिया डेस्क याकूब मेमन की फांसी के दौरान मीडिया में की गई जरूरत से अधिक कवरेज की आलोचना करते हुए शिवसेना ने आज कहा कि इस बात पर एक बार में यह निर्णय हो जाना चाहिए कि आतंकवादियों की खबरों को कितनी जगह देनी चाहिए और क्या टीआरपी को बढ़ाने के लिए ऐसा करना उचित है ? शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा गया है, ‘‘एक अंग्रेजी समाचारपत्र ने याकूब मेमन की फांसी के दिन उसके भाई टाइगर मेमन की उसकी मां से हुई बातचीत को शब्दश: प्रकाशित किया है। यदि यह बातचीत सही है तो अखबार से इस बात के सबूत लेने चाहिए क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा और आम लोगों की जिंदगी और मौत से जुड़ा मसला है। यदि पुलिस को कोई सबूत नहीं मिलता है तो फिर अखबार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।’’ इसमें कहा गया है कि मीडिया के लिए दाऊद इब्राहिम टीआरपी बटोरने का एक जरिया बन गया है। यह सही नहीं है कि टीवी रेटिंग के लिए एक दुर्दांत गैंगस्टर को ‘सुपरहीरो’ की तरह प्रदर्शित किया जाए। इसमें कहा गया है, ‘‘दाउद के प्रवक्ता की तरह बयान देने वाले छोटा शकील की टिप्पणियों को मीडिया में स्थान देकर आप कैसी परंपरा बना रहे हैं? इस बारे में एक बार में तय हो जाना चाहिए कि आतंकवादियों को मीडिया में कितनी जगह देनी चाहिए?’’ संपादकीय में कहा गया है कि देशभर में डर और अस्थिरता का माहौल है। कश्मीर और पंजाब में आतंकवादी हमले कर रहे हैं। दिल्ली और मुंबई जैसे शहर भय के साये में हैं। आतंकियों की धमकी के कारण न्यायाधीशों, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री इत्यादि की सुरक्षा बढ़ाकर उन्हें सुरक्षित किया गया है लेकिन भारत और इसके नागरिकों को सुरक्षा कौन देगा?


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