Breaking News

फिजूल का सहानुभूति-बटोर हुल्लड़ ज्यादा नहीं खिंच पाएगा

मीडिया            Feb 03, 2016


om-thanvi-001ओम थानवी ये अनुपम खेर भी कमाल हैं, वीजा का आवेदन ही दाखिल नहीं किया और कहते हैं खारिज हो गया! वीजा खारिज करने पर हर दूतावास/उच्चायोग पासपोर्ट पर मुहर लगाता है। खेर ने न पासपोर्ट जमा कराया, न वीजा से इनकार हुआ। ऐसा उच्चायुक्त को खुद टीवी पर कहते सुना, फिर उनका ट्वीट भी देखा। अगर उच्चायोग गलतबयानी कर रहा है तो अनुपम खेर वीजा निरस्तगी का प्रमाण पेश करें, वरना ऐसे हुल्लड़ से उनकी रही-सही साख भी जाती रहेगी। लगता है मोदी सरकार के समर्थन और बदले में पद्मभूषण पाने से हुई हुज्जत की भरपाई वे कुछ ऐसी सच्ची-झूठी दास्तान के भरोसे सहानुभूति बटोर कर करना चाहते हैं। पाकिस्तान भारत के एक नामी अभिनेता को वीजा देने से इनकार करे तो निश्चय ही यह उसका शर्मनाक आचरण होगा। जैसे गुलाम अली को भारत वीजा देता है और वे यहाँ अपना कार्यक्रम पेश करते हैं, अनुपम खेर और अन्य कलाकारों को भी वही सम्मान मिलना चाहिए। गुलाम अली को वीजा न मिले या उसे पाकर भी वे अपना कार्यक्रम यहाँ पेश न कर सकें जैसा कि मुंबई में भाजपा से गठजोड़ वाली शिवसेना ने किया, यह उतना ही बुरा होगा जितना अनुपम खेर को वहां जाने के लिए वीजा न देना या दें तो वीजा (जब भी मिलता है) के बावजूद कराची में उन्हें अपनी बात कहने से रोकना। ताली दोनों हाथों से बजती है मोदी-नवाज़ मेल-मिलाप को देखते अगर दोनों देश कूटनीति में रंजिश का रिश्ता बनाए रखते हैं तो यह बेहतर कोशिशों को पलीता लगाने जैसा काम होगा। कल एक टीवी कार्यक्रम में गया तब अनुपम खेर को प्रत्यक्ष बोलते सुना था कि अगर पाकिस्तान उच्चायोग अब भी वीजा दे तो मैं जाऊंगा, "बच्चा तो नहीं हूँ कि रूठ बैठूं कि अब नहीं जाऊंगा।" तो मेरे भाई, अब उच्चायुक्त खुद कह रहे हैं हैं तो अपना पासपोर्ट उच्चायोग पहुँचाओ न! वीजा लो और हो आओ। ये फिजूल का सहानुभूति-बटोर हुल्लड़ ज्यादा नहीं खिंच पाएगा। आखिर मोदीजी खुद पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने की जुगत कर रहे हैं, तुम यही सोचकर उनके हाथ मजबूत करो - गुरु, हो आओ! ओम थानवी के फेसबुक वाल से


इस खबर को शेयर करें


Comments