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ब्लागर रैफ बदावी को पहले कैद, फिर कोड़े, अब सम्मान

मीडिया            Oct 07, 2015


मल्हार मीडिया डेस्क सऊदी अरब के ब्लॉगर रैफ बदावी को अभिव्यक्ति की आज़ादी का समर्थन करने के लिए प्रख्यात पेन पिंटर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। बदावी को वर्ष 2012 में 'इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिये इस्लाम का अपमान' करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था। वे सऊदी अरब में 10 साल के कैद की सजा काट रहे हैं जबकि उन्हें 1,000 कोड़े मारे जाने बाकी हैं। raif-badawi रैफ़ बदावी के साथ ही ये पुरस्कार ब्रितानी कवि और पत्रकार जेम्स फेंटोन को भी मिला है। बदावी की पत्नी एनसाफ़ हैदर ने कहा कि ये पुरस्कार लेते हुए वे काफी गर्व महसूस कर रही है, वे बदावी की रिहाई के लिए अभियान चला रही हैं। पेन पिंटर पुरस्कार साल 2009 में ब्रिटेन के मशहूर नाटककार और नोबेल साहित्य विजेता हेरोल्ड पिंटर की स्मृति में शुरू किया गया थ । इससे पहले ये पुरस्कार टॉम स्टॉपर्ड, कैरोल एन डफी, हनीफ कुरैशी और पिछले साल भारत के प्रतिष्ठित लेखक सलमान रश्दी को मिल चुका है। विकीपीडिया के फाउंडर जिम्मी वेल्स ने बदावी की ओर से पेन पिंटर पुरस्कार लिया। जिम्मी वेल्स ने इस मौके पर कहा कि ब्रितानी सरकार को नैतिक अगुआई करते हुए बदावी के रिहाई की मांग करनी चाहिए। रैफ़ बदावी ने चार सालों तक 'लिबरल सउदी नेटवर्क' चलाया जिसने धार्मिक और राजनीतिक मुद्दों पर ऑनलाइन बहस को प्रोत्साहित किया। वेल्स ने कहा, उन्हें सलाखों से बाहर किया जाना चाहिए और कोड़े लगाने की सज़ा से मुक्त किया जाना चाहिए। सऊदी अरब में राजनीतिक विरोध बर्दाश्त नहीं किया जाता और वहां इससे जुड़े क़ानून सख़्त हैं। बदावी को जनवरी में पहले 50 कोड़े लगाए गए थे लेकिन बाद में इसे टाल दिया गया। जून में सऊदी अरब की शीर्ष अदालत ने दुनिया भर में जगह जगह विरोध किए जाने के बावजूद बदावी की सज़ा बरक़रार रखी। सऊदी अरब ने सज़ा के ख़िलाफ़ शुरू हुए विरोध को अपने आंतरिक मामलो में दख़ल बताया है।


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