संजय कुमार सिंह
भक्तों थोड़ा फर्जीवाड़ा सीख लो। सरकार बनने से एक साल पहले भी फर्जीवाड़ा (सरकारी भाषा में मर्जिंग ऑफ इमेजेज) शुरू किया हो तो अब तीन साल होने को आए और नौकरी ठीक से नहीं करोगे तो चली भी जा सकती है। फिर भी भक्त ऐसे हो कि ना हिन्दी सीख रहे हो ना फर्जीवाड़ा। 
अब मोदी को फोर्ब्स मैगजीन ने भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री घोषित कर दे - यह तो संभव है पर आज तक चैनल इस खबर को दिखाने के लिए अपना लोगो ऊपर दाईं तरफ से नीचे बाई तरफ कर दे और तीन लाइन में भाषा, व्याकरण और हिज्जे की हर तरह की गलतियां करे ये जरा मुश्किल लगता है। 
ये तो पहली नजर की गलतियां है और गूगल बाबा से जांच करने जाओ तो पता चले कि सिर्फ आजतक चैनल पर ऐसी ही (यही नहीं) एक खबर दी है। मीडिया को गाली देकर ऐसी खबरें कैसे चलवाओगे। 
होना ये चाहिए था कि पहले एक फर्जी विज्ञप्ति मीडिया वालों को भेजते - कुछेक भक्त उन्हें चला ही देते। फिर उसका स्क्रीन शॉट लेते। तो बात पच जाती। 100 प्रतिशत फर्जी काम ऐसे करोगे तो पकड़े जाओगे। 
कार्यकर्ताओं और सेल्फी पत्रकारों को भी गुस्सा आएगा कि उन्हें एक्सक्लूसिव नहीं दी। करो, फर्जीवाड़ा करो पर कुछ तैयारी औऱ अक्ल से - सीख देने वालों की कमी नहीं है। पैसे की तो नहीं ही है। बस चीजों को गंभीरता से लेने की जरूरत है। वरना साख खराब हो जाएगी तो कोई भरोसा नहीं करेगा।
संजय कुमार सिंह के फेसबुक वाल से
                  
                  
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