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भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की सजा:अनशन पर बैठी महिला पत्रकार का तोडा घर,भेजा जेल

मीडिया            Jun 22, 2015


मल्हार मीडिया उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश में पत्रकारों को जलाकर मार दिये जाने की घटनाओं के बीच छत्तीसगढ की महिला पत्रकार आरती वैष्णव के संघर्ष को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता। भ्रष्ट सीएमओ के खिलाफ आवाज उठाने वाली आरती वैष्णव को पहले तो अपना अजन्मा बच्चा खोना पडा उसके बाद लगातार धमकियों का सामना करना पडा। जब कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई तो आरती और उनके ​पति ने महिला सीएमओ के खिलाफ आमरण अनशन शुरू कर दिया। इसे भी तुडवाने की प्रशासन की तरफ से भरपूर कोशिश की गई लेकिन कल त​हसीलदार द्वारा किया गया वायदा तोड दिया गया। वो भी कुछ इस रूप में कि पहले तो अनशन रत आरती को उनके पति के साथ गिरफ्तार कर लिया। प्राप्त जानकारी को अनुसार आरती वैष्णव को एससी एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। यानी धारा 355 में गिरफ्तार किा गया है। भ्रष्ट सीएमओ का साथ दे रहा स्थानीय प्रशासन उनका अनशन तो नहीं तुडवा पाया अलबत्ता आज उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेज दिया घर पर जेसीबी चलवा दी। aarti-kharasiya-with-family प्रशासन का कहर यहीं नहीं रुका आज नगर निगम ने आरती और उनके पति की गैर मौजूदगी में घर में सो रहे बच्चों को बाहर निकाला और जेसीबी मशीन से उनका मकान मय सामान के जमींदोज कर दिया। इस तोडफोड की जनकारी प्रभारी कलेक्टर क्षीर सागर को दी गई उन्होंने इसे रोकने के आदेश जारी किये लेकिन तब तक आरती का आशियाना उजड चुका था। फिलहाल आरती और उनके पति भूपेंद्र वैष्णव को पुलिस ने रायगढ जेल में रख हुआ है और उनके बच्चे परिचितों के पास हैं। इस पूरे मामले को देखते हुये ऐसा लगता है कि प्रशासन द्वारा पूरी कार्रवाई किसी पूर्वाग्रह के चलते ​की जा रही है। आरती वैष्णव का घर तोडे जाने के कारण कभी न कभी नगर निगम और स्थानीय प्रशासन भी कटघरे में होंगे क्योंकि आरती वैषणव का घर नजूल की भूमि पर बना हुआ है और उसका केस अभी न्यायालय में विचाराधीन है। बहरहाल इस पूरे मामले में शासन प्रशासन की भूमिका तो संदेह के घेरे में है ही सवाल स्थानीय पत्रकार संगठनों पर उठना भी लाजिमी है कि एक महिला पत्रकार भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष को लगातार अनदेखा किया जा रहा है जो कि उनके अस्तित्व पर ही सवालिया निशान है।


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