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मंत्री के खिलाफ आवाज उठाने वाले पत्रकार की मौत,राममूर्ति वर्मा पर है आरोप

मीडिया            Jun 08, 2015


मल्हार मीडिया ब्यूरो उत्तर प्रदेश सरकार के एक मंत्री से लोहा लोने वाले पत्रकार जगेंद्र सिंह की मौत हो गई। पुलिस द्वारा डाली गई दबिश के दौरान जलकर घायल हुए जगेंद्र सिंह ने आज लखनऊ के सिविल अस्पताल में आखरी साँस ली। लम्बे समय से सोशल मीडिया पर लिख रहे पत्रकार जगेन्द्र सिंह पिछले दिनों पुलिस दबिश के दौरान गंभीर रूप से जल गए थे। जलने के उपरांत उन्हें शाहजहांपुर के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां से उन्हें डाक्टरों ने लखनऊ के सिविल अस्पताल रेफर कर दिया। वहां 60 प्रतिशत से अधिक जल जाने के कारण हालत में सुधार नहीं हुआ। आज सुबह हालत बिगड़ जाने के कारण उन्हें मेडिकल कालेज ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। जगेंद्र सिंह ने अपने एफबी वॉल पर एक जून को अपनी आखिरी पोस्ट में लिखा था- ''उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा एमएलसी टिकट के प्रबल दावेदार अमित यादव उर्फ रिंकू की राह में रोड़े अटकाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। राममूर्ति ने रिंकू को राजनीति में आने से रोकने के लिए अपने कई करीबियों को टिकट की लाइन में लगवा दिया है। ''दरअसल राममूर्ति सिंह वर्मा ने जिन लोगों को एमएलसी के टिकट के लिए लाइन में लगाया है उनके भी भले नहीं हैं। सपा में भितरघात कराकर वह एक हाथी वाले अपने करीबी को टिकट दिलाने की जुगत में लगे हैं। आज भले ही विधायक राजेश यादव व सपा जिलाध्यक्ष तनवीर खां उनके कंधे से कधा मिलाकर खड़े नजर आ रहे हों, लेकिन सच यह है कि चेयरमैनी के चुनाव में उन्होने एक प्रत्याशी को मैदान में उतारकर तनवीर खां की राह में भी रोड़े अटकाए थे। विधानसभा चुनाव में उन्होने भाजपा प्रत्याशी की मदद की थी। भितरघात की पुरानी आदत के कारण बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था। मौका परस्त राजनीति करने वाले राममूर्ति सिंह वर्मा 2017 में देखो किस पार्टी में नजर आएं।'' शाहजहांपुर के रहने वाले जगेंद्र सिंह राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा के खिलाफ खबरें लिखने को लेकर चर्चा में थे । अस्पताल में जगेन्द्र से जब आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने मुलाकात की तो जगेन्द्र ने बताया कि ये सब प्रकाश राय द्वारा राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा के इशारों पर किया गया। उन्होंने कहा था कि इससे पूर्व भी 28 अप्रैल को उनके आवास के पास उन पर जानलेवा हमला किया गया किन्तु इसमें अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि मंत्री जी पर हाल में बलात्कार का आरोप लगने का जिम्मेदारी भी मुझे मानते हैं और इस बात से वे खासे नाराज हैं। प्रदेश सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री राममूर्ति वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने पिछड़ा वर्ग कल्याण के नाम पर लाखों-करोड़ों की कोठी अपने लिए बना ली। वित्तीय अनियमितताओं के साथ-साथ मंत्री जी पर बलात्कार का भी संगीन आरोप है। सोशल मीडिया में सक्रिय पत्रकार जगेंद्र सिंह का कहना था कि जब उसने फेसबुक पर मंत्री के खिलाफ आवाज उठानी शुरू की तो पहले मंत्री जी ने अपने गुर्गों से उसे धमकाया, लेकिन जब इसका कोई असर नहीं दिखा तो इसके बाद मंत्री ने उस पर जानलेवा हमला भी करवाया जिसमें उसकी टांग तक टूट गई। जगेंद्र का आरोप था कि दोपहर करीब तीन बजे कोतवाली इंस्पेक्टर श्रीप्रकाश राय फोर्स के साथ दबिश देने उनके घर पहुंचे और दो पुलिस कर्मी दीवार फांदकर घर में घुस गए। पुलिस कर्मियों के दरवाजा खोलने पर कोतवाल भी अंदर आए। कोतवाल ने अपशब्द बोलने के साथ धमकी देते हुए कहा कि मंत्री के खिलाफ लिखते हो। इसके बाद पुलिस ने उनके ऊपर बोतल से पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी। जगेंद्र की हिम्मत फिर भी नहीं टूटी। आरोप हैं कि इसके बाद राममूर्ति वर्मा के इशारे पर उस पत्रकार के खिलाफ अपहरण, हत्या और लूट के प्रयास की एफआईआर भी दर्ज हो गई।


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