Breaking News

मीडिया मीमांसा:खबरों की लीपापोती में माहिर हिन्दी अखबार

मीडिया            Aug 09, 2015


श्रीप्रकाश दीक्षित ठकुर सुहाती खबरों को चमकाने और सत्ता-शिखरों को नागवार गुजरने वालीं खबरों को दबाने-छुपाने में मध्यप्रदेश के बड़े हिन्दी अखबारों की कोई सानी नहीं है। विपक्ष विहीन लोकसभा का लाभ उठाते हुए सुषमा स्वराज ने विदेश मंत्री कि हैसियत से ललित मोदी की मदद पर तथ्यों से बचते भावनाओं से ओतप्रोत भाषण झाड़ा। इस पर राहुल गांधी ने सनसनीखेज बयान दिया कि जेल से बाहर रखने के एवज मे मोदी से उनके परिवार को कितना पैसा मिला, सुषमाजी इसका खुलासा करें। यह बयान इसलिए भी खास है क्योंकि ललित मोदी कह चुके हैं की सुषमा जी के पति और बेटी बरसों से उनके वकील रहे हैं, जिसका उन्होने कोई पैसा नहीं लिया..? मध्यप्रदेश के अखबारों, खास तौर से दैनिक भास्कर और पत्रिका, ने सुषमा जी का भाषण तो खूब फ्लैश किया, पाँच-पाँच कॉलम मे पहले पेज पर इसे छापा। इसके बरक्स अगले दिन राहुल गांधी का बयान भास्कर और पत्रिका दोनों मे पहले पेज से नदारद था, इसे अंदर के पेज पर पटक दिया गया। उधर नईदुनिया, इंडियन एक्सप्रेस, हिंदुस्तान टाइम्स और टाइम्स ऑफ इंडिया ने इसे पहले पेज पर छापा, कई का यह लीड समाचार था। दैनिक भास्कर ने ठकुर सुहाती में कमाल दिखाते हुए आखरी पेज पर छोटी और मरी सी खबर छापी जिसमें सोनिया के बयान को तवज्जो दी गई थी। ध्यान देने की बात है कि इतने गंभीर आरोप पर सुषमाजी की तरफ से कोई खंडन या सफाई नहीं आई है..? हम मध्यप्रदेश वालों के लिए यह चिंता की बात है क्योंकि सुषमा स्वराज विदिशा से लोकसभा पहुंची हैं..! उधर सालों पहले राजनीतिज्ञों जैसे लंबे-चौड़े वायदे कर मध्यप्रदेश आए पत्रिका की हालत भास्कर से भी गई-गुजरी है। शुरू के एक दो बरस तो इसके तेवर खासे तल्ख रहे पर अब यह भी ठंडा पड़ चुका है। भास्कर में होने वाले परिवर्तनों को जस का तस अपनाकर यह अपनी पहचान खोता जा रहा है। दूसरे गुलाब कोठारी की अपने अखबार में लगातार छपते रहने की लालसा से पाठक तो ऊबे ही हैं पत्रिका का संपादकीय स्टाफ भी खासा परेशान रहता है..! श्रीप्रकाश दीक्षित के फेसबुक वॉल से


इस खबर को शेयर करें


Comments